भारत की तुर्की को कड़ी चेतावनी- दोस्ती चाहिए तो पाक से नाता तोड़ो, आतंक से दूरी बनाओ

Edited By Tanuja,Updated: 22 May, 2025 07:35 PM

relations built on sensitivities to india on turkey s support to pak

भारत सरकार ने गुरुवार को तुर्की को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर वह पाकिस्तान का आतंकवाद को लेकर समर्थन करता रहा, तो दोनों देशों के रिश्तों पर इसका गंभीर असर पड़ेगा...

International Desk: भारत सरकार ने गुरुवार को तुर्की को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर वह पाकिस्तान का आतंकवाद को लेकर समर्थन करता रहा, तो दोनों देशों के रिश्तों पर इसका गंभीर असर पड़ेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल  ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि "हम उम्मीद करते हैं कि तुर्की पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन से रोके और उस आतंकी नेटवर्क के खिलाफ सख्त और प्रमाणिक कार्रवाई की मांग करे, जिसे पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और सैन्य मुख्यालय रावलपिंडी दशकों से पालते आए हैं।" 

 

भारत-तुर्की संबंधों में खटास 
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम  में हुए आतंकी हमले के बाद तुर्की ने पाकिस्तान के पक्ष में बयान दिया था। इससे भारत की नाराजगी और बढ़ गई। भारत का मानना है कि तुर्की का यह रुख आतंक के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को कमजोर करता है। भारत ने तुर्की को यह भी याद दिलाया कि"दो देशों के रिश्ते आपसी सम्मान और एक-दूसरे की संवेदनशीलता को समझने पर टिके होते हैं। अगर कोई देश भारत के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उससे मित्रता संभव नहीं है।" 
 

 दोस्ती चाहिए तो आतंक से दूरी बनाओ 
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि तुर्की को पाकिस्तान से कहना चाहिए कि वह आतंकवाद को अपनी  'राज्य नीति' (State Policy)  का हिस्सा बनाना बंद करे और विश्वसनीय, सत्यापन योग्य  कदम उठाए। भारत ने यह रुख ऐसे समय पर अपनाया है जब दुनिया आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो रही है, और पाकिस्तान पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि वह आतंकियों को सीमा पार भेजने, प्रशिक्षण देने और उन्हें आर्थिक मदद देने में शामिल है।

 

 पाकिस्तान पर वैश्विक शक 

  • पाकिस्तान लंबे समय से लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को समर्थन देने के आरोपों से घिरा है।
  •  भारत में हुए  पठानकोट ,  उरी ,  पुलवामा और अब  पहलगाम जैसे हमलों में पाक समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ रहा है।
  •  तुर्की, हाल के वर्षों में पाकिस्तान के साथ रणनीतिक संबंध बढ़ा रहा है, जिसे भारत "गैर-जिम्मेदाराना" मानता है।
     

 भारत चाहता है कि तुर्की जैसे बड़े मुस्लिम बहुल देश, आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाएं। अगर तुर्की पाकिस्तान का समर्थन करता रहा, तो भारत-तुर्की के व्यापारिक, रक्षा और सांस्कृतिक संबंध भी प्रभावित हो सकते हैं।

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