न्यायालय ने पूर्व न्यायाधीश से पूछा: क्या उन्होंने अन्य सदस्यों से रिपोर्ट साझा की

Edited By Anil dev,Updated: 12 Dec, 2018 02:08 PM

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उच्चतम न्यायालय ने गुजरात मुठभेड़ मामलों की जांच की निगरानी करने वाली समिति के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश एच एस बेदी से बुधवार को जानना चाहा कि क्या उन्होंने अपनी अंतिम रिपोर्ट अन्य सदस्यों के साथ साझा की थी।

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गुजरात मुठभेड़ मामलों की जांच की निगरानी करने वाली समिति के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश एच एस बेदी से बुधवार को जानना चाहा कि क्या उन्होंने अपनी अंतिम रिपोर्ट अन्य सदस्यों के साथ साझा की थी। शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एच एस बेदी को उच्चतम न्यायालय ने 2002 से 2006 के दौरान गुजरात में हुयी मुठभेड़ के मामलों की जांच की निगरानी के लिये गठित समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।  निगरानी समिति ने इस साल फरवरी में सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का अनुरोध किया गया है।    

गुजरात सरकार ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर आपत्ति करते हुये दलील दी है कि यह स्पष्ट नहीं है कि अंतिम रिपोर्ट में व्यक्त विचार न्यायमूर्ति बेदी भर के हैं या फिर उन्होंने निगरानी समिति के अन्य सदस्यों के साथ इसे साझा किया था। पीठ ने इस सवाल पर न्यायमूर्ति बेदी से यथाशीघ्र न्यायालय को अपना जवाब देने का अनुरोध किया है। पीठ ने कहा, ‘‘अध्यक्ष को हमें इसकी पुष्टि करने दीजिए कि क्या उन्होंने अपनी रिपोर्ट निगरानी समिति के अन्य सदस्यों के साथ सझा की थी।’’ इस मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार बी जी वर्गीज (अब दिवंगत) और गीतकार जावेद आख्तर ने 2007 में जनहित याचिकायें दायर की थीं। इनमें स्वतंत्र एजेन्सी या सीबीआई ने इन मामलों की जांच कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया है ताकि सच्चाई सामने आ सके।      

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