Edited By prachi upadhyay,Updated: 02 Aug, 2019 01:04 PM
गुनगुन को उसके स्कूल से होमवर्क मिला कहानी लिखने का, लेकिन जब दूसरे दिन उसने अपनी लिखी हुई कहानी सबको सुनाई, तो वहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू आ गए।
नेशनल डेस्क: गुनगुन को उसके स्कूल से होमवर्क मिला कहानी लिखने का, लेकिन जब दूसरे दिन उसने अपनी लिखी हुई कहानी सबको सुनाई, तो वहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू आ गए।
कौन है गुनगुन ?
गुनगुन उत्तराखंड के जिले पौड़ी के च्वींचा गांव की रहनेवाली है। यहां स्थित राजकीय स्थित प्राथमिक विद्यालय में वो पांचवी क्लास में पढ़ती है। एक दिन उसकी टीचर ने क्लास के सभी बच्चों को होमवर्क के तौर पर घर से एक कहानी लिख कर लाने को कहा। दूसरे दिन सब बच्चे अपनी-अपनी लिखकर लाए और एक-एक करके उसे सुनाने लगे। फिर गुनगुन की बारी आई, जब गुनगुन ने अपनी कहानी सुनाई तो वहां मौजूद उसकी टीचर के आंखों में आंसू आ गए। यहीं ने जब उसकी टीचर ने बाकी शिक्षकों को उसकी कहानी सुनाई तो वो भी भावुक हो गए।
क्या थी कहानी ?
गुनगुन ने जो कहानी लिखी थी उसका नाम था ‘मेरे पिता’। कहानी कुछ यूं थी, ‘बहुत साल पहले की बात है, एक गांव हुआ करता था च्वींचा। उस गांव में लड़की रहा करती थी जिसका नाम था गुनगुन। गुनगुन की पांच और बहनें थी। गुनगुन के पापा बहुत शराब पीते थे, और उसकी मम्मी दूसरो घरों में काम करके गुनगुन और उसकी बहनों को पालती थी। एक दिन उसकी मम्मी को भोजन माता की नौकरी मिल गई, जिससे उसके घऱ में सब बहुत खुश हुए। लेकिन, उसी दिन उसके पापा ने इतनी ज्यादा शराब पी ली, कि उनकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई। जिसके बाद गुनगुन की मौसी ने उसकी मम्मी को फोन किया। लेकिन उसकी मम्मी उसके पापा को अस्पताल लेकर नहीं गई। जिसके बाद गुनगुन की मौसी-मौसा और दादी गुनगुन के पापा को अस्पताल लेकर गए। वहां इलाज होने के कुछ दिन बाद गुनगुन के पापा की तबीयत ठीक हो गई और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई। इसके बाद गुनगुन के पापा ने कभी शराब नहीं पी। अब गुनगुन का पूरा परिवार बहुत खुशी रहता है। एक हैप्पी फैमिली की तरह।‘
बाल मन पर शराब का असर
गुनगुन की कहानी से ये साफ-साफ नजर आया कि किस तरह से शराब एक पूरे परिवार की खुशियों को खत्म कर देता है। घर में रहनेवाले बच्चों के मन पर इसका इस कदर असर पड़ता है कि वो उनके मानसिक विकास तक पर असर डालने लगता है। गुनगुन अपनी कहानी से प्रदेश में शराब को पूरी तरह से बंद करवाने का आग्रह करने जा रही है। वो कहानी के आखिर में लिखती है कि ‘शराब बहुत बुरी चीज होती है, इसको बंद करवाने के लिए मैं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को अपनी कहानी भेजूंगी।'