Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Mar, 2024 06:09 PM
दिल्ली में एक शख्स के कटे हाथ को फिर से जोड़ डाॅक्टरों ने साबित कर दिया है कि यूं ही नहीं डाॅक्टरों के धरती का भगवान कहा जाता। दरअसल, दिल्ली के डॉक्टरों के समूह ने एक ऐसा कठिन आप्रेशन किया जिससे एक शख्स को दोबारा से हाथ मिल गए वह अब दूसरों की तरह...
नई दिल्ली: दिल्ली में एक शख्स के कटे हाथ को फिर से जोड़ डाॅक्टरों ने साबित कर दिया है कि यूं ही नहीं डाॅक्टरों के धरती का भगवान कहा जाता। दरअसल, दिल्ली के डॉक्टरों के समूह ने एक ऐसा कठिन आप्रेशन किया जिससे एक शख्स को दोबारा से हाथ मिल गए वह अब दूसरों की तरह ब्रश और रोजमर्रा के सभी काम कर पाएगा।
दरअसल, एक दुखद दुर्घटना में दोनों हाथ खोने वाला पेंटर का दिल्ली के डाॅक्टरों के एक ग्रुप ने आप्रेशन कर उसे नए हाथ दिए। 45 वर्षीय शख्स का यह पहला सफल बाइलेट्रल हैंड ट्रांसप्लांट है, जिसे कल सर गंगाराम अस्पताल से छुट्टी से मिल जाएगी। 2020 में एक ट्रेन हादसे में उसने दोनों हाथ खो दिए थे।
दरअसल, मीना मेहता नाम की महिला जो दक्षिण दिल्ली के एक प्रमुख स्कूल की पूर्व प्रशासनिक प्रमुख जिन्हें ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया था उन्होंने 45 वर्षीय शख्स की मदद की और मीना मेहता ने अपनी मौत के बाद अपने ओर्गन्स को डोनेट करने के लिए कहा। इस वजह से उनकी किडनी, लिवर और कोर्निया ने तीन अन्य लोगों की जिंदगिया बचाई। वहीं उनके हाथों ने पेंटर के सपनों को फिर से साकार कर दिया। इस सर्जरी को करने में डाॅक्टरों को 12 से अधिक घंटो का समय लगा, जिसमें आर्टरी, मसल, टेंडन और नर्व को डोनर और पीड़ित के हाथ में जोड़ा गया। आखिरकार डॉक्टरों की मेहनत रंग लेकर आई और अंत में डॉक्टरों की टीम ने पेंटर के साथ फोटो शेयर की। इस फोटो पर लोगों ने डाॅक्टरों की जमकर सरहाना की।