कुलभूषण मामले में ICJ ने पाक को दिया करारा जवाब

Edited By Tanuja,Updated: 21 Feb, 2019 12:30 PM

icj didn t get any evidence that pak ad hoc judge is unable to exercise duties

कुलभूषण जाधव मामले में चल रही सुनवाई के दौरान अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक अदालत (ICJ) ने कहा कि उसे ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो यह दिखा सके कि पाकिस्तान के तदर्थ न्यायाधीश

द हेगः कुलभूषण जाधव मामले में चल रही सुनवाई के दौरान अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक अदालत (ICJ) ने पाकिस्तान को  करारा जवाब देते हुए कहा कि उसे ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो यह दिखा सके कि पाकिस्तान के तदर्थ न्यायाधीश, कुलभूषण जाधव मामले में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ या उसके अनिच्छुक हैं। पाकिस्तान ने मंगलवार को ICJ में अपनी दलीलें पेश की थी । उसने तदर्थ न्यायाधीश तस्सदुक हुसैन जिलानी की बीमारी का हवाला देते हुए मामले को स्थगित करने के लिए कहा। जिलानी को सुनवाई से पहले दिल का दौरा पड़ा था।
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पाकिस्तान ने तदर्थ न्यायाधीश के स्थान पर किसी और को नियुक्त करने का अनुरोध किया था जिसे ICJ ने ठुकरा दिया था। मामले में पाकिस्तान के तदर्थ न्यायाधीश की नियुक्ति पर ICJ के शीर्ष न्यायाधीश अब्दुलकवी अहमद युसूफ ने बुधवार को कहा, ‘‘किसी भी तरह की गलतफहमियों को दूर करने के लिए हम दोनों पक्षों को बराबरी के सिद्धांत के अनुसार इन कार्यवाही के सुचारू संचालन का आश्वासन देते हैं।’ उन्होंने कहा कि एक बार जब मामले में तदर्थ न्यायाधीश का चयन कर लिया जाता है और निर्धारित समय सीमा के भीतर कोई भी आपत्ति ना होने से तदर्थ न्यायाधीश के तौर पर उस व्यक्ति की नियुक्ति अदालत के नियमों के अनुच्छेद 35 के तहत अदालत द्वारा पक्षों को भेजे गए एक पत्र से पुष्टि होती है।
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उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर मौजूदा मामले में तदर्थ न्यायाधीश जिलानी ने मामले की फाइल भेजी और कार्यवाही के पूर्व चरणों में भाग लिया।’’ न्यायाधीश ने कहा कि अदालत को अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है कि तदर्थ न्यायाधीश जिलानी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असक्षम या उसके अनिच्छुक हैं। पाकिस्तान गुरुवार को अपनी अंतिम दलीलें पेश करेगा।  ICJ के 2019 की गर्मियों में अपना फैसला देने की संभावना है।  भारत ने बुधवार को पाकिस्तान की सैन्य अदालतों के कामकाज पर सवाल उठाते हुए ICJ से अनुरोध किया कि वह कुलभूषण जाधव का मृत्युदंड रद्द करे क्योंकि वह ‘जबरन स्वीकरोक्ति’ पर आधारित है।

PunjabKesariसुनवाई के तीसरे दिन भारत की ओर से अंतिम दलील देते हुए विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव दीपक मित्तल ने कहा, ‘सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करें और पाकिस्तान को मृत्युदंड का अनुपालन करने से रोकें। जाधव को रिहा करें और उनकी सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करें। यदि ऐसा नहीं है तो पूर्ण राजनयिक पहुंच के साथ सामान्य कानून के तहत सुनवाई का आदेश दें।’ उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह घोषित करे कि पाकिस्तान ने विएना सम्मेलन के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया है और जाधव को उसके अधिकारों की जानकारी देने में विफल रहा है।

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