जनरल सुलेमानी की हत्या से जागी सरकार, 31 जनवरी तक ड्रोन रजिस्ट्रेशन करवाएं नहीं तो मिलेगी सजा

Edited By Yaspal,Updated: 13 Jan, 2020 09:11 PM

if not get drone registration done by 31 january punishment will be met

विमानन मंत्रालय ने मानकों का अनुपालन नहीं करते हुए ड्रोन उड़ाने वाले सभी लोगों के लिये एक स्वैच्छिक पंजीकरण की घोषणा की है और उनसे 31 जनवरी तक ऐसा कराने को कहा गया है। अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के

नई दिल्लीः विमानन मंत्रालय ने मानकों का अनुपालन नहीं करते हुए ड्रोन उड़ाने वाले सभी लोगों के लिये एक स्वैच्छिक पंजीकरण की घोषणा की है और उनसे 31 जनवरी तक ऐसा कराने को कहा गया है। अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के कुछ दिन बाद यह कदम उठाया गया है। पंजीकरण नहीं कराने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और विमान अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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मंत्रालय ने एक नोटिस में कहा, ‘‘सरकार के संज्ञान में ऐसे ड्रोन और उनका संचालन करने वाले आए हैं जो सीएआर (नागर विमानन आवश्यकताएं) का अनुपालन नहीं करते।'' इसमें कहा गया, “असैनिक ड्रोनों और ड्रोन संचालकों की पहचान की सुविधा के लिये ऐसे ड्रोनों और ड्रोन संचालकों को एक बार स्वैच्छिक प्रकटीकरण का अवसर दिया जा रहा है...ड्रोन रखने वाले सभी लोगों को 31 जनवरी 2020 तक यह प्रक्रिया (ऑनलाइन पंजीकरण की) पूरी करनी होगी।” ड्रोन पर फिक्की की एक समिति के सह-अध्यक्ष अंकित मेहता ने पिछले साल 22 अक्टूबर को कहा था कि भारत में अवैध ड्रोनों की संख्या 50 से 60 हजार होने की उम्मीद है।
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ईरान के विशिष्ट अल-कुद्स बल के प्रमुख मेजर जनरल सुलेमानी तीन जनवरी को उस वक्त अमेरिकी सेना के ड्रोन से किये गए मिसाइल हमले में मारे गए थे जब उनका काफिला बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई्ड्डे से निकल रहा था। भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस हमले ने देश में संचालित हो रहे “मानकों का अनुपालन नहीं करने वाले सैकड़ों ड्रोन पर कार्रवाई के लिये सरकार को प्रेरित किया।” अधिकारी ने कहा, “गैटविक हवाईअड्डे पर दिसंबर 2018 में जो हुआ वह पहले ही हमारे दिमाग में था।”
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हीथ्रो के बाद ब्रिटेन के दूसरे सबसे बड़े हवाईअड्डे गैटविक को 19 से 21 दिसंबर 2018 के बीच तब बंद करना पड़ा था जब उसकी बाहरी दीवारों के आसपास कई ड्रोन उड़ते देखे गए। किसी अप्रिय घटना से बचने के लिये तीन दिनों के दौरान करीब 1000 उड़ानों को या तो रद्द करना पड़ा या उनका मार्ग परिवर्तित करना पड़ा था। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 27 अगस्त 2018 को सीएआर जारी किया था ताकि भारतीय हवाईक्षेत्र में असैनिक ड्रोनों के इस्तेमाल को नियमित किया जा सके।
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वहीं ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) के निदेशक-भागीदारी स्मित शाह ने सोमवार को कहा, “हमारा मानना है कि नागर विमानन द्वारा उठाए गए इस कदम से भारत में मौजूद ड्रोनों की सटीक संख्या उपलब्ध होगी।” शाह ने कहा, “आदर्श रूप में यह आंकड़ा भारत में ड्रोन संचालन की संख्या को समझने और आगे के नीतिगत फैसलों का आधार होना चाहिए...।” ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया ड्रोन कंपनियों का एक संगठन है।

 

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