Edited By Radhika,Updated: 28 Mar, 2024 02:25 PM
भारत में बड़ी तादात में युवा बेरोज़गार घूम रहे हैं। चुनाव आते ही यह मुद्दा हर बार चर्चा का विषय बनता है। ILO यानि की इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने एक रिपोर्ट में रोज़गार से जुड़े कई खुलासे किए, जिससे यह सामने आया है कि देश में कुल बेरोजगारों में से...
नेशनल डेस्क: भारत में बड़ी तादात में युवा बेरोज़गार घूम रहे हैं। चुनाव आते ही यह मुद्दा हर बार चर्चा का विषय बनता है। ILO यानि की इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने एक रिपोर्ट में रोज़गार से जुड़े कई खुलासे किए, जिससे यह सामने आया है कि देश में कुल बेरोजगारों में से 83% युवा हैं।
ILO की रिपोर्ट में खुलासा-
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) और इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट (IHD) के साथ मिलकर ‘इंडिया एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024’ पब्लिश की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यदि भारत में 100 लोग बेरोज़गार हैं, तो इसमें 83 लोग शिक्षित युवा शामिल हैं। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी हुआ है कि साल 2000 में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों की संख्या कुल युवा बेरोजगारों में 35.2% थी, जो 2022 में बढ़कर 65.7% हुई थी।
ILO की रिपोर्ट सामने के एक दिन पहले देश के पूर्व आरबीआई गवर्नर और मशहूर इकोनॉमिस्ट रघुराम राजन ने कहा था कि भारत को अपनी इकोनॉमिक ग्रोथ के मजबूत होने की हाइप पर भरोसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करना उसकी बड़ी गलती होगी। वहीं भारत को अपने एजुकेशन सिस्टम को ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए। ILO ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि अभी भी देश में दसवीं के बाद काफी बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं। इस प्रकार के मामले ज़्यादातर गरीब राज्यों में देखने को मिलते हैं। वहीं हायर एजुकेशन के मामले में देश के अंदर काफी दाखिला होता है। लेकिन इन जगहों पर शिक्षा का स्तर चिंताजनक है।
इनकम को लेकर भी हुई बात-
बेरोज़गारी के अलावा रिपोर्ट में इनकम को लेकर भी एक बात की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019 के बाद से डेली वर्कर्स और सेल्फ-एम्प्लॉयड लोगों की इनकम में कमीं आई है। दूसरी ओर अनस्किल्ड लेबर फोर्स में भी कैजुअल वर्कर्स को 2022 में सही से न्यूनतम मजदूरी नहीं मिली है।