Edited By Yaspal,Updated: 17 Jun, 2019 01:05 PM
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में हाल में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में 17 जून को देश भर में गैर जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को रद्द करने के साथ वह अपनी हड़ताल की दिशा में आगे बढ़ेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री...
नई दिल्लीः इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में हाल में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में 17 जून को देश भर में गैर जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को रद्द करने के साथ वह अपनी हड़ताल की दिशा में आगे बढ़ेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक दिन पहले राज्यों से डॉक्टरों एवं मेडिकल पेशेवरों की किसी भी प्रकार की हिंसा से सुरक्षा के लिये विशेष कानून लागू करने पर विचार करने को कहा था जिसके बाद आईएमए की यह घोषणा सामने आयी है।
आईएमए के बैनर तले देश भर में करीब 3 लाख से ज्यादा डॉक्टर हड़ताल में शामिल होंगे। इनके सहित सरकारी अस्पतालों के रेजीडेंट व आयुष के डॉक्टर भी हड़ताल पर रहेंगे। ऐसे में करीब दस लाख डॉक्टर ओपीडी में नहीं दिखेंगे। इससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि आपातकालीन वार्ड, प्रसूति और पोस्टमार्टम इत्यादि बाधित नहीं रहेंगे। शीर्ष मेडिकल संस्था ने डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों पर तथा अस्पतालों में इस तरह की हिंसा से निपटने के लिये व्यापक केंद्रीय कानून की मांग की। आईएमए के बयान के अनुसार हिंसा के दोषियों के लिये कड़े दंड के प्रावधान को केंद्रीय कानून में शामिल किया जाना चाहिए और भारतीय दंड संहिता तथा अपराध दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में उपयुक्त संशोधन होना चाहिए।
बयान के अनुसार, आउटडोर पेशंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) सेवा सहित गैर जरूरी सेवाएं सोमवार सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक 24 घंटे के लिये बंद रहेंगी। इसके अनुसार इस दौरान आपात एवं आकस्मिक सेवाएं जारी रहेंगी।
इसने 17 जून को गैर जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को रद्द करने के साथ देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। आईएमए तथा दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) के प्रतिनिधियों ने शनिवार को वर्धन से बात की थी।