Edited By Tanuja,Updated: 14 Aug, 2022 06:14 PM
सत्ता से आऊट होने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कई बार शहबाज सरकार को सबक लेने के लिए भारत की तारीफ कर चुके हैं...
इस्लामाबादः सत्ता से आऊट होने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कई बार शहबाज सरकार को सबक सिखाने के लिए भारत की तारीफ कर चुके हैं। इस बार इमरान ने पाकिस्तान के आजादी दिवस पर शक्ति प्रदर्शन दौरान भारत की तारीफों के पुल बांधे हैं। लाहौर में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए इमरान ने स्लोवाकिया में एक कार्यक्रम की वीडियो किल्प भी चलवाई जिसमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस से सस्ता तेल खरीदने पर जवाब दे रहे थे। इमरान ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस वीडियो क्लिप को दिखाते हुए भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना की है।
इमरान खान ने सभा में कहा कि अगर भारत जिसे पाकिस्तान के साथ-साथ आजादी मिली और अगर नई दिल्ली अपने लोगों की जरूरत के हिसाब से अपनी विदेश नीति बना सकता है तो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार क्यों नहीं। इमरान खान ने कहा कि अमेरिका ने भारत को रूस से तेल नहीं खरीदने के लिए कहा था लेकिन भारत ने अमेरिका का रणनीतिक सहयोगी होने के बाद भी उससे तेल खरीदा।इसके बाद इमरान खान ने विदेश मंत्री जयशंकर का वीडियो क्लिप भी चलाया।
इस वीडियो में जयशंकर कहते हैं कि आप कौन हैं? जयशंकर ने कहा कि यूरोप रूस से गैस खरीद रहा है और हम इसे लोगों की जरूरत के अनुसार खरीदेंगे। भारत एक स्वतंत्र देश है। उन्होंने अमेरिकी दबाव के आगे झुकने के लिए शहबाज सरकार की भी आलोचना की। इमरान खान ने कहा कि हमने सस्ता तेल खरीदने के बारे में रूस से बात की थी। लेकिन इस सरकार में अमेरिकी दबाव को ना कहने का साहस नहीं है। ईंधन की कीमतें आसमान छू रही हैं, लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। मैं इस गुलामी के खिलाफ हूं।
बता दें कि रूस से भारत के तेल आयात का बचाव करते हुए जयशंकर ने जोर देकर कहा था कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि यूक्रेन संघर्ष विकासशील देशों को कैसे प्रभावित कर रहा है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि केवल भारत से ही सवाल क्यों किया जा रहा है, जबकि यूक्रेन युद्ध के बीच यूरोप रूस से गैस आयात करना जारी रखता है। जयशंकर ने आगे कहा था कि देखिए मैं बहस नहीं करना चाहता। लेकिन विनम्रता से कहना चाहता हूं कि अगर भारत रूस से तेल खरीद कर यूक्रेन युद्ध के लिए फंडिंग कर रहा है। तो यूरोप के गैस खरीददार देश फंडिंग नहीं कर रहे हैं।