'चीन छोड़ रही अमरीकी कंपनियों का वैकल्पिक केंद्र बन सकता है भारत'

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 10:14 PM

india can be an alternate center for us companies leaving china

अमरीकी राजदूत केनेथ जस्टर ने गुरुवार को कहा कि चीन में अपना परिचालन कम कर रही अमरीकी कंपनियों के लिए भारत वैकल्पिक निवेश केंद्र बन सकता है। जस्टर ने कहा कि अमरीकी फस्र्ट और मेक इन इंडिया की नीतियां बेमेल नहीं हैं।

नेशनल डेस्क: अमरीकी राजदूत केनेथ जस्टर ने गुरुवार को कहा कि चीन में अपना परिचालन कम कर रही अमरीकी कंपनियों के लिए भारत वैकल्पिक निवेश केंद्र बन सकता है। जस्टर ने कहा कि अमरीकी फस्र्ट और मेक इन इंडिया की नीतियां बेमेल नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि एक-दूसरे के बाजार में निवेश करना दोनों के लिए फायदेमंद होगा। भारत में अमरीकी राजदूत का कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले नीतिगत भाषण में जस्टर ने कहा कि इससे आर्थिक आदान-प्रदान व व्यापार में इजाफा होगा और यह उभरती प्रौद्योगिकियों में तालमेल के साथ दोनों देशों में रोजगार के अवसरों के सृजन को बढ़ावा देगा। जस्टर ने कहा, ‘‘मैं थोड़ा और आगे बढ़कर सुझाव देता हूं कि यह हमारे आर्थिक संबंधों को रणनीतिक नजरिए से देखने का समय है, जैसा कि हमने रक्षा संबंधों में किया है।’’

उन्होंने इस मौके पर कहा कि कई अमरीकी कंपनियों ने क्षेत्र के सबसे बड़े बाजार चीन में कारोबार करने में मुश्किलें बढऩे की बातें कही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसी कारण कुछ कंपनियां वहां अपना परिचालन कम कर रही हैं जबकि कुछ अन्य कंपनियां दिलचस्पी से वैकल्पिक बाजार तलाश रही हैं। भारत व्यापार व निवेश के जरिए ङ्क्षहद-प्रशांत क्षेत्र में अमरीकी कंपनियों का वैकल्पिक केंद्र बन सकता है।

जस्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आर्थिक व नियामकीय सुधारों में गति की बात स्वीकर करते हुए कहा कि इससे भारत को प्रभावी, पारदर्शी और सुव्यवस्थित बाजार के तौर पर देखा जाएगा। दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार 2001 के करीब 20 अरब डॉलर से बढ़कर 2016 में 115 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!