भूटान के विकास के लिए अगले पांच वर्षों में 10 हजार करोड़ रुपये की मदद करेगा भारत : प्रधानमंत्री मोदी

Edited By Parveen Kumar,Updated: 23 Mar, 2024 12:59 AM

india will provide assistance of rs 10 thousand crore in the next five years

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भूटान के शीर्ष नेतृत्व को भरोसा दिलाया कि भारत उसके विकास की आकांक्षाओं में उसका पूर्ण समर्थन करता है और दोनों देशों के अद्वितीय द्विपक्षीय संबंध कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, व्यापार और ऊर्जा क्षेत्रों में...

नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भूटान के शीर्ष नेतृत्व को भरोसा दिलाया कि भारत उसके विकास की आकांक्षाओं में उसका पूर्ण समर्थन करता है और दोनों देशों के अद्वितीय द्विपक्षीय संबंध कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, व्यापार और ऊर्जा क्षेत्रों में अधिक सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेंगे। मोदी ने यह भी घोषणा की कि नयी दिल्ली अगले पांच वर्षों में थिंपू को 10,000 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और भूटान के लोगों के बीच आत्मीयता उनके द्विपक्षीय संबंधों को अनूठा बनाती है।

उन्होंने कहा कि भारत, भूटान के लोगों के दिलों में बसता है। मोदी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भूटान पहुंचे हैं। उनकी यात्रा का उद्देश्य ‘पड़ोस प्रथम' की नीति के तहत भूटान के साथ भारत के अनूठे संबंधों को और मजबूत बनाना है। दोनों देशों ने कई समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया तथा ऊर्जा, व्यापार, डिजिटल कनेक्टिविटी, अंतरिक्ष और कृषि के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा दोनों देशों के बीच रेल संपर्क की स्थापना पर समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप दिया।

मोदी ने भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की और प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी की। मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भूटान के महामहिम नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मिलकर बेहद खुशी हुई। हमने अपने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों पर बातचीत की।'' उन्होंने भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से मुलाकात को लेकर कहा, ‘‘भूटान में प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के साथ सार्थक वार्ता हुई। हमने भारत-भूटान मित्रता की संपूर्ण श्रृंखला की समीक्षा की, और हमारी विकासात्मक साझेदारी को बढ़ावा देने के साथ-साथ सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने पर सहमति व्यक्त की।''

PM मोदी को किया सम्मानित

प्रधानमंत्री मोदी को यहां भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पाने वाले वह पहले विदेशी शासनाध्यक्ष हैं। भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने प्रधानमंत्री मोदी को इस सम्मान से सम्मानित किया। मोदी ने प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के साथ भी वार्ता की। मोदी ने कहा, ‘‘भारत और भूटान के लोगों के बीच आत्मीयता उनके द्विपक्षीय संबंधों को अनूठा बनाती है।'' अपने संबोधन में उन्होंने भूटानी लोगों से कहा, ‘‘भारत आपके दिल में बसता है।'' अपने संबोधन में, उन्होंने लोगों को ‘‘भूटान के मेरे प्यारे दोस्तो'' के रूप में संबोधित किया।

इस मौके पर भूटान के पांचवें नरेश जिग्मे खेसर नांग्याल वांगचुक और राजपरिवार के सदस्य भी मौजूद थे। मोदी ने कहा, ‘‘हमारे संबंध अटूट हैं। हमारी मित्रता अटूट है। हमारा आपसी सहयोग अटूट है और खास बात यह है कि हमारा विश्वास भी अटूट है। और, यही कारण है कि यह दिन मेरे लिए बहुत खास है।'' उन्होंने जब लोगों को संबोधित किया तो भूटान के लोग अपने मूल परिधान पहने और दोनों देशों के झंडे लिए हुए थे तथा लगातार तालियां बजा रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक भारतीय के तौर पर यह मेरे लिए बहुत बड़ा दिन है। आपने मुझे भूटान के सर्वोच्च (नागरिक) पुरस्कार से सम्मानित किया है। जब यह सम्मान किसी दूसरे देश से आता है तो यह विश्वास और मजबूत हो जाता है कि हम दोनों देश सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।''

दोनों देशों का कल्याण हुआ

मोदी ने कहा कि यह ‘‘हमारे इस विश्वास को बढ़ाता है कि हमारे प्रयासों से'' दोनों देशों के लोगों का कल्याण हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमें और अधिक मेहनत करने के लिए उत्साह और ऊर्जा देता है। लेकिन यह सम्मान मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। यह भारत और 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सभी भारतीयों की ओर से मैं भूटान की इस महान भूमि पर विनम्रतापूर्वक इस पुरस्कार को स्वीकार करता हूं।'' उन्होंने भूटान और वहां के लोगों का तहे दिल से धन्यवाद किया। मोदी ने कहा कि 140 करोड़ भारतीय जानते हैं कि भूटान के लोग ‘‘उनके परिवार के सदस्यों के समान हैं।''

उन्होंने कहा कि भूटान के लोग भी यह जानते हैं और स्वीकार करते हैं कि ‘‘भारत उनका परिवार है।'' मोदी ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘भूटान के महामहिम राजा जिग्मे खेसर नांग्याल वांगचुक से मिलकर खुशी हुई। हमने अपने देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के तौर-तरीकों पर बात की।'' उन्होंने कहा, ‘‘भूटान में प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के साथ सार्थक वार्ता हुई। हमने भारत-भूटान मित्रता की समीक्षा की और हमारी विकासात्मक साझेदारी को बढ़ावा देने के साथ-साथ सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने पर सहमति व्यक्त की।''

समझौते पर किए हस्ताक्षर

भारत और भूटान ने शुक्रवार को ऊर्जा, व्यापार, डिजिटल संपर्क, अंतरिक्ष और कृषि के क्षेत्र में कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए और दोनों देशों के बीच रेल संपर्क संबंधी समझौते को अंतिम रूप दिया। मोदी ने कहा कि भारत और भूटान के रिश्ते जितने पुराने हैं, उतने ही आधुनिक और सामयिक भी हैं, उनके रिश्ते की गहराई 'बी2बी' और 'पी2पी' दोनों है। उन्होंने कहा, ‘‘और, 'बी2बी' का मतलब है 'भारत से भूटान', जबकि 'पी2पी' का मतलब है लोगों का लोगों से जुड़ना।''

मोदी ने भूटान सरकार की 13वीं पंचवर्षीय योजना (एफवाईपी) के बारे में भी बात की और कहा, ‘‘हमारा पूरा समर्थन और सहयोग रहेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगले पांच साल में भारत सरकार इस दिशा में 10,000 करोड़ रुपये की सहायता देगी।'' प्रधानमंत्री मोदी और उनके भूटानी समकक्ष शेरिंग टोबगे की मौजूदगी में यहां समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया। भारत के विदेश मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री टोबगे को धन्यवाद दिया।''

बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और ‘‘नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, पर्यावरण और वानिकी तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति बनाई।'' विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और भूटान के बीच दीर्घकालिक और अनूठे संबंध हैं। बयान में कहा गया, ‘‘बैठक से पहले, प्रधानमंत्री मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने ऊर्जा, व्यापार, डिजिटल संपर्क, अंतरिक्ष, कृषि और युवा संपर्क पर कई समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया।''

रेल संपर्क का किया प्रावधान

भारतीय विदेश मंत्रालय ने यहां कहा कि इसके अलावा, दोनों पक्ष भारत और भूटान के बीच रेल संपर्क को लेकर ‘‘सहमति जता चुके हैं और इस संबंध में एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके हैं''। बयान में कहा गया कि समझौता ज्ञापन में भारत और भूटान के बीच दो प्रस्तावित रेल संपर्क का प्रावधान किया गया है, जिसमें कोकराझार-गेलेफू रेल संपर्क और बनारहाट-समत्से रेल संपर्क और उनके कार्यान्वयन के तौर-तरीके शामिल हैं। मोदी ने कहा कि एमओयू और समझौते भारत-भूटान संबंधों को गति देंगे। प्रधानमंत्री मोदी को भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘‘भारत-भूटान संबंधों के विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान और भूटानी राष्ट्र तथा इसके लोगों के वास्ते उनकी विशिष्ट सेवा'' के लिए प्रदान किया गया।

पुरस्कार मिलने के बाद मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भूटान द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' पुरस्कार दिए जाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं इसे 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करता हूं।'' उन्होंने कहा कि भूटान के विकास लक्ष्यों को हासिल करने में भारत पूरी दृढ़ता से उसके साथ खड़ा है। मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले पांच साल हमारे संबंधों को एक नयी ऊर्जा देंगे। हम कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, व्यापार और ऊर्जा क्षेत्रों में बेहतर रास्ते बनाने के लिए काम करेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत और भूटान की आकांक्षाएं एक जैसी हैं। हमने 2047 तक विकसित भारत बनाने का निर्णय लिया है जबकि भूटान ने 2034 तक ‘उच्च आय' राष्ट्र बनने का फैसला किया है।'' 

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