Edited By Tanuja,Updated: 29 Jul, 2020 11:17 AM
कई बार हादसे इंसान को अधिक मजबूत औऱ संवेदनशील बना देते हैं। एेसा ही हुआ दुबई में रहने वाले एक भारतीय के साथ जिन्होंने एक हादसे में अपने बेटे ...
दुबईः कई बार हादसे इंसान को अधिक मजबूत औऱ संवेदनशील बना देते हैं। एेसा ही हुआ दुबई में रहने वाले एक भारतीय के साथ जिन्होंने एक हादसे में अपने बेटे को खोने के बाद दूसरों की मदद करने की ठान ली। दुबई में रहने वाले भारतीय मूल के व्यवसायी टीएन कृष्ण कुमार ने यूएई में फंसे 61 भारतीयों के टिकट का पूरा खर्च उठाया और उनको घर लौटने में मदद की। कृष्ण कुमार के 19 साल के बेटे रोहित और पड़ोसी शरत (21) स्कूल खत्म होने के बाद छुट्टियां मनाने गए थे और इसी दौरान हुए एक हादसे में दोनों की मौत हो गई।
कृष्ण कुमार का एकमात्र बेटा रोहित कृष्णकुमार ब्रिटेन में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में तीसरे वर्ष का मेडिकल छात्र था। अपने बेटे का अंतिम संस्कार करके केरल से लौटने के बाद कृष्ण कुमार ने अपना समय समाज सेवा में बिताना शुरू कर दिया। कृष्ण कुमार लंबे समय से सामाजिक सेवा में लगे रहे हैं। बेटे जाने के दुख से जहां उनकी पत्नी अभी तक उबर नहीं पाई हैं, वहीं कृष्ण कुमार सामाजिक सेवा में अपने आपको व्यस्त रखकर रोहित के जाने के दुख को भुलाने में लगे हैं। कोरोना संकट के बीच कृष्ण कुमार ने ऑल केरला कॉलेज एल्मुनाई फेडरेशन वॉलंटियर ग्रुप को अपना समर्थन दिया। इस समूह को केरल के 150 कॉलेजों के छात्रों ने मिलकर बनाया है। यह समूह जरूरतमंद लोगों को खाने का किट और मेडिकल सहायता मुहैया करा रहा है।
साथ ही जो लोग घर नहीं लौट पा रहे हैं, उनके लिए टिकट मुहैया करा रहा है। कृष्ण कुमार ने अपने खर्चे से 61 भारतीयों को चार्टर्ड फ्लाइट से भारत वापस भेजा। टीएन कृष्णकुमार ने बताया की बेटे की मौत से वे टूट गए थे जिसके बाद से उन्होने खुद को दूसरों की भलाई और मदद के कामों में लगा दिया। उन्होंने कहा, 'जीवन में जब ऐसा कुछ होता है, तब समझ में आता है कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता। मैंने जो कुछ बनाया था अपने बेटे के लिए बनाया था उसके जाने के बाद से सब बिखर गया।'