म्यांमार में बंधक की मौत के बाद विद्रोहियों ने छोड़े 4 भारतीय, माफी भी मांगी

Edited By Tanuja,Updated: 05 Nov, 2019 03:53 PM

indian worker dies after taken as hostage by rakhine rebels

म्यांमार में भारतीय बंधक की मौत के बाद विद्रोही अराकान आर्मी ने बाकी चार भारतीयों समेत 8 लोगों को छोड़ दिया है...

यंगूनः म्यांमार में भारतीय बंधक की मौत के बाद विद्रोही अराकान आर्मी ने बाकी चार भारतीयों समेत 8 लोगों को छोड़ दिया है। अराकान आर्मी ने वीनू गोपाल (60) की मौत के लिए माफी भी मांगी है। मुक्त किए गए लोगों में दो अनुवादक और दो नाव चालक शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को विद्रोही समूह ने चार भारतीयों समेत 10 लोगों और आंग सान सू की नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी पार्टी के एक सांसद यू वी टिन का अपहरण कर लिया था। इनका अपहरण तब किया गया था जब दो नावों से यह लोग चिन राज्य के पलेटवा से रखाइन के क्युकटाव जा रहे थे।

 

गोपाल और चार अन्य भारतीय भारत-म्यांमार की एक संयुक्त परियोजना पर काम कर रहे थे। इसके तहत म्यांमार के सिटवेपोर्ट को भारत-म्यांमार सीमा से जोड़ा जाना है। माना जा रहा है कि इससे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के आर्थिक विकास में मदद होगी और उत्पादों के लिए समुद्री मार्ग खुल सकेगा।विद्रोही समूह ने सांसद को नहीं छोड़ा अराकन सेना के प्रवक्ता ने भारतीय श्रमिक की मौत के लिए माफी मांगी है।

 

प्रवक्ता ने कहा हमने भारतीयों को नहीं बल्कि सांसद को निशाना बनाया था। नाव पर भारतीय भी थे, इस बारे में हमें नहीं पता था। फिलहाल विद्रोही समूह ने सांसद को नहीं छोड़ा है। अराकान आर्मी को यूनाइटेड लीग ऑफ अराकान (यूएलए) के सशस्त्र विंग के तौर पर स्थापित किया गया है। विद्रोही समूह बौद्धों को अधिक स्वायत्ता के लिए लगभग एक दशक से लड़ रहा है।

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