औद्योगिक देश स्वयं की ज्यादा चिंता कर रहे, विकासशील देशों की पर्याप्त मदद नहीं कर रहे: मर्केल

Edited By Pardeep,Updated: 27 Jan, 2021 04:37 AM

industrialized countries worry more about themselves merkel

जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल ने मंगलवार को कहा कि दुनिया को प्रभावित करने वाले संकट से निपटने के लिए बहुपक्षवाद यानी मिल-जुलकर काम करना जरूरी है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि विकसित देश स्वयं की ही चिंता ज्यादा

नई दिल्लीः जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल ने मंगलवार को कहा कि दुनिया को प्रभावित करने वाले संकट से निपटने के लिए बहुपक्षवाद यानी मिल-जुलकर काम करना जरूरी है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि विकसित देश स्वयं की ही चिंता ज्यादा करने लगे हैं और विकाशील देशों की पर्याप्त मदद नहीं कर रहे। उन्होंने विश्व आर्थिक मंच के ‘ऑनलाइन' दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन में कहा, ‘‘यह समय बहुपक्षवाद का है...सवाल यह है कि दुनिया में किसे टीका मिलता है, वास्तव में यही नया स्वरूप तय करेगा।'' 
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मर्केल ने हालांकि कहा कि मानवजाति महान वैज्ञानिक सफलता हासिल करने में सक्षम है और यह कोरोना वायरस महामारी से बाहर निकलने का रास्ता दिखाता है। उन्होंने कहा, ‘‘महामारी ने हमारे समाज और हमारी अर्थव्यवस्थाओं पर गहरी छाप छोड़ी है। और यह निर्धारित करेगा कि हम कैसे अगले कुछ साल तक रहते हैं। लेकिन हम सभी एक ही ग्रह पर रहते हैं। इस प्रकार के अस्तित्व वाले संकट में स्वयं को अन्य से अलग करना हमें विफल बनाएगा।'' 

मर्केल ने कहा कि टीके से पता चलता है कि हम इस महामारी से बाहर निकल सकते हैं लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा जितना कि हर कोई सोचता है। जलवायु परिवर्तन और पेरिस समझौते पर उन्होंने कहा कि यूरोप पहला जलवायु-तटस्थ महादेश हो सकता है और यह उत्सर्जन में 55 प्रतिशत की कमी ला सकता है। लेकिन उन्होंने कहा कि औद्योगिक देश जरूरत से अधिक स्वयं की चिंता करने लगे हैं और हम विकासशील देशों की मदद के लिये ज्यादा कुछ नहीं कर रहे।
 

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