यूपी में समिट 2018 व 2023 में हुए निवेश से राज्य मे हुआ तेजी से विकास, 1 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के खुले अवसर

Edited By Updated: 20 Feb, 2024 09:07 PM

investments in up summit 2018 and 2023 led to rapid development in the state

राज्यसभा का मनोनीत सांसद सतनाम सिंह संधू ने कहा कि मोदी सरकार ने यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 और 2023 में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर ग्लोबल निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

नेशनल डेस्क : राज्यसभा का मनोनीत सांसद सतनाम सिंह संधू ने कहा कि मोदी सरकार ने यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 और 2023 में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर ग्लोबल निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन समिटों में उत्तर प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए आकर्षक प्रस्ताव पेश किए, जिससे न केवल राज्य के अर्थ विकास में गति आई बल्कि 1 करोड़ 10 लाख नौकरियों का सृजन भी हुआ है। इन समिटों के दौरान बड़ी संख्या में पहुंची कंपनियों के द्वारा निवेश की राशि यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 में और 2023 में कुल 33.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि यह समिटों ने विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक निवेश को आकर्षित किया। निवेश के क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, विद्युत, आईटी और इलेक्ट्रानिक विनिर्माण, पर्यटन, कपड़ा, औद्योगिक विकास आदि शामिल हैं।

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नरेंद्र मोदी के प्रधान मंत्री बनने से पहले जहां उत्तर प्रदेश को 'बीमार राज्य' कहा जाता था, अब एक सक्षम राज्य की ओर बढ़ रहा है। यह राज्य अपनी आर्थिक ताकत को मजबूत कर रहा है और 2047 विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में आगे बढ़ रहा है। 2017 तक, यूपी की कुल जीडीपी करीब 12 लाख करोड़ रुपये थी, लेकिन सात वर्षों में मोदी सरकार ने 24 लाख से भी ज्यादा करके इसे दोगुना कर दिया। यह अर्थव्यवस्था की एक अद्भुत उपलब्धि है, जिसे पूरा करने में पहले 70 साल लग गए थे। यूपी सरकार ने प्रधान मोदी की अगुवाई में प्रत्येक व्यक्ति की आय दोगुनी करने में भी सफलता प्राप्त की और यूपी को राजस्व अधिशेष राज्य में बदल दिया।

यूपी में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन विकास से अछूती नहीं हो रही है। यह राज्य डबल इंजन की सरकार है और 2017 से केंद्र से भी सहयोग प्राप्त कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास' के तहत, राज्य में विभिन्न वर्गों के विकास के लिए काम किया है, वो भी बिना किसी भेदभाव के। यूपी के 20 फीसद मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय को भी इस विकास की योजनाओं का लाभ मिला है, जैसे कि राशन वितरण, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, उज्ज्वला योजना, छात्रवृत्ति और अन्य योजनाएं। सच तो यह है कि राज्य में 5.5 करोड़ लोगों के लिए कपड़ा उद्योग में नई नौकरियां व हस्त रोजगार के लिए रास्ते खोले हैं, इसका भी लाभ मुस्लिम समुदाय को मिल रहा है। यहां पर कपड़ा, सिल्क साड़ी व कारपेट की हस्तषिल्प का सभी कार्य षिल्पकारों के उपर ही निर्भर करता है। क्योंकि हस्तषिल्पकारों द्वारा ही इसे असली रुप दिया जाता है। यूपी में मुस्लिम समुदाय के ही 80 फीसद लोग हस्तषिल्प का कार्य करते है। यहां पर निवेष होने से इस समुदाय के लिए रोजगार के अब नए अवसर इन समिटों के द्वारा खुले हैं।

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यूपी में 2017 के बाद से अधिक लोग गरीबी से रेखा से भी बाहर हुए हैं, कोई भी इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि इनमें से एक बड़ा हिस्सा अल्पसंख्यक का हैं जो पहले केवल एक दयनीय जीवन व्यतीत कर रहे थे। इसके साथ ही 2017 में प्रति व्यक्ति आय 52 हजार 670 रुपए थी जोकि अब बढ़कर 83 हजार 570 रुपए हो गई है। मोदी सरकार की अगुवाई में 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा ओर बढ़ रहा है। इसकी अब नींव रखी जा चुकी है। बिना किसी भेदभाव के बहुसंख्यक, अल्पसंख्यक, जाति, धर्मों को लाभ पहुंचाने के लिए मंच भी तैयार किया जा चुका है।

राज्य की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, प्रधान मंत्री ने उत्तर प्रदेश से जुड़े अवांछित टैग जैसे अविकसितता, बीमार और खराब कानून व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान आकर्षित किया। 5-6 साल के अंदर उत्तर प्रदेश ने एक नई पहचान स्थापित की है, अब उत्तर प्रदेश सुशासन, बेहतर कानून व्यवस्था, शांति और स्थिरता के लिए जाना जाता है। यहां संपत्ति सृजनकर्ताओं के लिए नए अवसर बन रहे हैं।

उत्तर प्रदेश की धरती अपने सांस्कृतिक वैभव, गौरवशाली इतिहास और समृद्ध विरासत के लिए जानी जाती है। मोदी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काशी विश्वनाथ का रिडोर व आयोद्धया में श्री राम मंदिर का निर्माण भी करवाया गया है। क्योंकि वहां पर देश ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के लोग यहां की सुंदरता को देखने आते है। पर्यटन बढ़ने से वहां पर रहने वाले मुस्लिम समुदाय को भी फायदा मिलेगा जोकि वहां हस्तशिल्प से तैयार किया सामान वहां पर बेच सकते है। इससे मुस्लिम समुदाय को भी लाभ मिलेगा वह सीधे तौर पर अपना सामान ग्राहक को बेच सकेंगें। उत्तर प्रदेश में मोदी सरकार के नेतृत्व में फरवरी 2018 में पहली बार बड़े पैमाने पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया। इसमें एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। विभिन्न बड़ी कंपनियों की ओर से 4.28 हजार करोड़ रुपए निवेष किए गए। 22 फरवरी 2018 लखनऊ शहर में यूपी इन्वेस्टर्स समिट की अभूतपूर्व सफलता रुपये से अधिक मूल्य के निवेश उत्पन्न हुए। 4.28 लाख करोड़ नवीकरणीय ऊर्जा (16.8 फीसद), बुनियादी ढाँचा (15.4 फीसद), विद्युत (14.7 फीसद) जैसे क्षेत्रों में, आईटी और इलेक्ट्रानिक विनिर्माण (10.2 फीसद), पर्यटन (10.1 फीसद) आदि का परिणाम स्वःरुप यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट उत्तर प्रदेश में 33.5 लाख करोड़ का निवेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान हुआ।

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यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 में 32 लाख करोड़ रुपये के 18,643 एमओयू तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किये गये। 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए (एमओयू) पर यूपी सरकार ने हस्ताक्षर किए। इससे लगभग 93 लाख, 82 हजार, 607 लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान हुए हैं। भारत की जीडीपी में अब यूपी का योगदान फिलहाल 8 फीसद पर पहुंच गया है। यूपी में 18,000 एमओयू के माध्यम से 27 लाख करोड़ रुपये से अधिक कार्यक्रम, जो पूरी तरह से कार्यान्वित होने पर 2 करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष लाभ व अप्रत्यक्ष नौकरियाँ मिल सकती हैं। प्रधान मंत्री मोदी यूपी में बेहतर बुनियादी ढांचे को भी पहल दे रहे है। बहुत जल्द यूपी 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाले एकमात्र राज्य के रूप में जाना जाएगा। फ्रंट कॉरिडोर राज्य को सीधे महाराष्ट्र के समुद्री तट से जोड़ेगा। प्रधान मंत्री ने व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए यूपी में सरकार की सोच में एक सार्थक बदलाव भी किया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की बदौलत आज यूपी आशा और प्रेरणा का स्रोत बन गया है, जिस तरह भारत वैश्विक मंच पर एक उज्ज्वल स्थान बन गया है, उसी तरह उत्तर प्रदेश देश के लिए एक उज्ज्वल स्थान बन गया है।

पीएम मोदी ने हर क्षेत्र का ध्यान रखने के लिए उस पर काम किया है। केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों का यूपी में स्तर उंचा उठाने के लिए पिछले 6 सालों के दौरान 36 लाख से भी अधिक अल्पसंख्यक बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए छात्रवृति जारी की गई। यूपी में लगातार कंपनियां अपना निवेश कर रही है उनको अधिक स्किल वाले बच्चों को जरुरत पड़ेगी। राज्य में अच्छी स्किल वाले अल्पसंख्यक युवाओं को वहीं पर नौकरी देने के लिए यह भी एक प्रयास किया गया है।
नौकरियों व रोजगार के सृजन में इन समिटों के माध्यम से लगभग 1 करोड़ 10 लाख अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह उत्तर प्रदेश के अर्थव्यवस्था और जनसंख्या के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। सेक्टर निवेश में यहां बुनियादी ढांचा, टेक्सटाइल, आईटी और इलेक्ट्रानिक्स, औद्योगिक विकास और फार्मास्यूटिकल सेक्टर में भी निवेश के बारे में बात की गई है। यह समितियां उत्तर प्रदेश की जीडीपी बढ़ने से राज्य के अर्थव्यवस्था ओर मजबूत करेंगी। सरकारी सहायता में उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को उत्तराधिकारी वातावरण प्रदान करने के लिए कई सरकारी योजनाओं और अनुदानों की घोषणा की है। यह समिटों ने उत्तर प्रदेश को निवेशकों के लिए आकर्षक निवेश गतिविधियों का केंद्र बनाने में मदद की है और राज्य के विकास को गति बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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