लंपी रोग से पीड़ित पशु के दूध का सेवन करना सुरक्षित है या हानिकारक? जानें वैज्ञानिकों का क्या है कहना

Edited By rajesh kumar,Updated: 14 Sep, 2022 08:10 PM

is it safe to consume the milk of an animal suffering from lumpi disease

लंपी त्वचा रोग (एलएसडी) से संक्रमित पशु के दूध का सेवन करना सुरक्षित है, क्योंकि यह संक्रमण पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलता। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

नेशनल डेस्क: लंपी त्वचा रोग (एलएसडी) से संक्रमित पशु के दूध का सेवन करना सुरक्षित है, क्योंकि यह संक्रमण पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलता। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। एलएसडी नामक बीमारी गुजरात, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा समेत दर्जनभर से ज्यादा राज्यों में फैल चुकी है। पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 197 जिलों में 16.42 लाख पशु इससे संक्रमित हो चुके हैं और जुलाई से 11 सितंबर 2022 के बीच 75 पशुओं की मौत हो चुकी है।

एलएसडी जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला रोग नहीं- मोहंती
एलएसडी एक संक्रामक रोग है, जिसमें पशुओं में बुखार और त्वचा पर दाने निकलने जैसे लक्षण पनपते हैं तथा उनकी मौत भी हो सकती है। यह बीमारी संक्रमित मच्छरों, मक्खियों, जूं और अन्य कीटों के सीधे संपर्क में आने से फैलती है। दूषित भोजन-पानी और हवा के माध्यम से भी यह रोग फैलता है। संक्रमित पशुओं से मिलने वाले दूध की गुणवत्ता और सुरक्षा पर आईवीआरआई के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार मोहंती ने कहा कि एलएसडी जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला रोग नहीं है।

दूध का सेवन किया जा सकता है
उन्होंने कहा, “संक्रमित पशुओं से प्राप्त होने वाले दूध का सेवन किया जा सकता है। दूध को आप अच्छे से उबालकर या फिर बिना उबाले पिएं, उसकी गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता।” मोहंती ने कहा कि संक्रमित पशु में दूध उत्पादन प्रभावित हो सकता है और यह बीमारी की गंभीरता तथा पशु के प्रतिरक्षा तंत्र पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर दूध के उत्पादन पर असर पड़ सकता है, लेकिन देशभर में इस संक्रमण के प्रसार से जुड़े पुख्ता आंकड़ों के बिना राष्ट्रीय स्तर पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। मोहंती ने कहा, “जब पशु संक्रमित होते हैं, तब बुखार और अन्य लक्षणों से वे कमजोर हो जाते हैं।

‘गोट पॉक्स' टीका कारगर साबित हुआ
इससे दूध के उत्पादन पर गंभीर असर पड़ता है। जब रोगग्रस्त पशु मर रहा होता है, तब उसकी पूरी शारीरिक क्रिया प्रभावित होती है।” उन्होंने कहा कि यदि पशु को समय पर टीका दिया गया हो तो बीमारी और दूध उत्पादन पर लंपी रोग के असर को कम किया जा सकता है। एलएसडी रोधी टीकाकरण पर मोहंती ने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अभी तक राज्यों में ‘गोट पॉक्स' टीका दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक नया टीका विकसित किया गया है और नियामक एजेंसियों द्वारा मंजूरी मिलने के बाद यह उपलब्ध हो सकेगा। आईवीआरआई में ‘गोट पॉक्स' टीके पर काम कर रहे वैज्ञानिक अमित कुमार ने कहा कि यह टीका पशुओं में एलएसडी को फैलने से रोकने में कारगर साबित हुआ है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!