Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Jun, 2019 05:46 PM
देश में नकली नोट भेजने का सिलसिला पिछले कुछ दिनों से पूरी तरह से ठप हो गया था, लेकिन अब फिर भारत के पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी पैमाने पर इसकी आमद होने लगी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान स्थित आईएसआई और...
नई दिल्लीः देश में नकली नोट भेजने का सिलसिला पिछले कुछ दिनों से पूरी तरह से ठप हो गया था, लेकिन अब फिर भारत के पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी पैमाने पर इसकी आमद होने लगी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान स्थित आईएसआई और डी-कंपनी ने साठगांठ कर भारत में नकली नोट भेजने का काम फिर से शुरू कर दिया है। इसी के साथ एनआईए ने ये भी खुलासा किया है कि नकली नोट को भारत तक पहुंचाने के लिए आईएसआई और डी कंपनी ने नया रास्ता निकाला है, जिसके कारण उन्हें पकड़ना अब थोड़ा मुश्किल साबित हो रहा है।
हाल ही में नेपाल से पकड़े गए नकली नोट के गिरोह के सरगना यूनुस अंसारी की गिरफ्तारी से खुलासा हुआ है कि उसके संबंध आईएसआई और दाउद इब्राहिम के साथ भी हैं। अंसारी के साथ-साथ तीन और पाकिस्तानी नागरिकों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों के पास से सात करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद किए गए हैं।
एनआईए के अधिकारियों ने बताया है कि अंसारी से पूछताछ में पता चला है कि नकली नोट को भारत में भेजने के लिए अब नेपाल के रास्ते को न चुनकर बांग्लादेश का रास्ता चुना जा रहा है। बताया जा रहा है कि नकली नोट को भारत तक पहुंचाने के लिए बांग्लादेश से लगती पूर्वी सीमा का इस्तेमाल किया जा रहा है। गौरतलब है कि अभी तक नकली नोट को भारत में भेजने के लिए नेपाल के रास्ते का इस्तेमाल किया जाता था।