Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Nov, 2019 08:55 AM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जल्द ही चंद्रयान-3 को चंद्रमा की तरफ रवाना कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक इसरो के विभिन्न केंद्रों में इसपर तेजी से काम चल रहा है और नवंबर 2020 तक इसकी समयसीमा भी निर्धारित कर दी गई है। इसरो के वैज्ञानिकों ने एक...
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जल्द ही चंद्रयान-3 को चंद्रमा की तरफ रवाना कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक इसरो के विभिन्न केंद्रों में इसपर तेजी से काम चल रहा है और नवंबर 2020 तक इसकी समयसीमा भी निर्धारित कर दी गई है। इसरो के वैज्ञानिकों ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि चंद्रयान-3 के लिए इसरो ने कई समितियां बनाई हैं। इन समितियों की अक्तूबर से लेकर अब तक उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है।
वैज्ञानिक के मुताबिक इन बैठकों के बाद फैसला लिया गया कि चंद्रयान-3 मिशन में सिर्फ लैंडर और रोवर भेजा जाएगा, इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा क्योंकि चंद्रयान-3 के लिए इसरो वैज्ञानिक चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर ही उपयोग करेंगे। यह ऑर्बिटर अगले सात सालों तक काम करेगा। बता दें कि इसी साल सितंबर में इसरो ने चंद्रयान-2 के लैंडर की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी लेकिन अचानक विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया क्योंकि इसकी हार्ड लैंडिंग हुई।
वहीं इस बार इसरो के वैज्ञानिक चंद्रयान-3 के लिए कई बिंदुओं पर काम कर रहे हैं जैसे कि
- लैंडिंग की जगह
- सही नेविगेशन
- सेंसर और इंजीनियरिंग आदि।
- साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि इस बार लैंडर के पांव ज्यादा मजबूत बनाए जाएं ताकि तेजी से लैंडिंग करने पर इसको नुकसान न पहुंचे और वह क्रैश न हो।
- साथ ही चंद्रयान-3 को भेजने के लिए पृथ्वी और चांद के चक्कर भी कम लगाने की तैयारी भी चल रही है।