Edited By vasudha,Updated: 03 Nov, 2020 12:53 PM
राजस्थान में जैसलमेर के तपते थार रेगिस्तान में फिट इंडिया अभियान के तहत भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) एवं युवा मामलों और खेल मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में 200 किलोमीटर लंबे फिटनेस वाकेथॉन राष्ट्रीय एकता मार्च का विशेष आयोजन सफलतापूर्वक...
नेशनल डेस्क: राजस्थान में जैसलमेर के तपते थार रेगिस्तान में फिट इंडिया अभियान के तहत भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) एवं युवा मामलों और खेल मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में 200 किलोमीटर लंबे फिटनेस वाकेथॉन राष्ट्रीय एकता मार्च का विशेष आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। जैसलमेर के मोहनगढ़ क्षेत्र में इंदिरा गांधी नहर क्षेत्र पर 1458 आर.डी पर 200 किलोमीटर चलकर फिट इंडिया अभियान के प्रतिभागी जब समापन स्थल पर पहुंचे, तब वहां मौजूद ग्रामीणों ने उनका जबरदस्त स्वागत किया एवं भारत माता की जय के उद्घोष के साथ उनका अभिनंदन किया।
अजय कुमार सिंह ने मारी बाजी
इस वाकेथॉन के समापन स्थल पर 200 किलोमीटर वाकेथॉन पूरा कर आईटीबीपी के कमाण्डेंट अजय कुमार सिंह सबसे पहले पहुंचे। उन्होंने रिकॉर्ड 43 घंटे, 31 मिनट में यह 200 किलामीटर का सफर पूरा किया। इसके बाद आईटीबीपी के डीजी एस.एस. देसवाल ने 49 घंटे एवं 17 मिनट में यह 200 किलोमीटर का सफर पूरा कर एक नया आयाम हासिल किया। देसवाल के साथ इस पूरे कार्यक्रम के प्रभारी एवं बीएसएफ बीकानेर सेक्टर के डीआईजी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ सहित अन्य कई अधिकारी जवान समापन स्थल पर पहुंचे। उनके थोड़ी देर बाद बीएसएफ गंगानगर सेक्टर के डीआईजी संजय कुमार सिंह भी वहां पहुंचे।
किरेन रिजिजू ने किया था फिटनेस मार्च अभियान को रवाना
गौरतलब है कि केंद्रीय खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरेन रिजिजू ने 31 अक्टूबर को सरदार पटेल के जन्म दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर इस फिटनेस मार्च अभियान को रवाना किया था। राष्ट्रीय एकता का सन्देश इसका लक्ष्य था। यह जैसलमेर में तनोट मंदिर से सात किलोमीटर दूर नाथुवाला गांव से शुरू होकर बीएसएफ की कई सीमा चैकियां जिनमें सखीरेवाला, भुट्टेवाला, एवं ए.सी कटोच के दुर्गम रेतीले मार्ग से होकर 200 किलोमीटर का पैदल रास्ता तय करते हुए रिवर डिवीजन 1458 पॉइंट पर सोमवार सुबह समाप्त हुआ। इस तपते 200 किलोमीटर के रेगिस्तान में दिन रात का सफर काफी कठिन एवं चुनौतियां भरा था। पग-पग पर जहरीले जीव जन्तु एवं ऊबड़ खाबड़ कच्चे रास्ते प्रतिभागियों के लिए काफी मुश्किल भरा था। उसके बावजूद 100 में से 93 प्रतिभागी सफलतापूर्वक अन्तिम पड़ाव पर पहुंच गए।