कश्मीर में पैर पसार रहा जैश-ए-मोहम्मद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 07:51 PM

jaishe e mohammad is elaborating its wing in kashmir

घाटी में सुरक्षाबलों का आतंकवादियों के खिलाफ सफाई का ऑपरेशन लगातार जारी है।

श्रीनगर : घाटी में सुरक्षाबलों का आतंकवादियों के खिलाफ सफाई का ऑपरेशन लगातार जारी है। एक ओर जहां इस साल अब तक 105 से ज्यादा आतंकवादी मारे जा चुके हैं वहीं, दूसरी ओर नए खतरे और नई चुनौतियां सुरक्षाबलों और खुफिया एजेंसियों के सामने आ रही हैं। ताजा खतरा है हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर की घटती ताकत के बाद घाटी में खूंखार आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पांव पसारने की कोशिश करना। दो दिन पहले कश्मीर के त्राल में तीन आतंकवादियों के एनकाउंटर के बाद जो बातें सामने आई हैं वो इसी बात की ओर इशारा करती हैं। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी घाटी में कुछ भी करने को तैयार हैं।
इस साल जबरदस्त चोट खाने के बाद हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर ने हाथ मिला लिया है। लेकिन, एक खामोश खतरा घाटी ही नहीं देशभर पर अपनी आखें गड़ाई हुए है। इन दोनों की ताकत घटने के बाद इस खतरे की यही कोशिश है कि वो खाली जगह भरी जाए जो हिजबुल और लश्कर के खात्मे से बनी है। ये खतरा है मौलाना मसूद अजहर के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का।

पाकिस्तान की पुरानी नीति
एक रक्षा विशेषज्ञ ने इसे पाकिस्तान की पुरानी रणनीति बतया है और कहा कि जब कोई एक आतंकवादी संगठन कमजोर पड़े तो दूसरा खड़ा कर दो। दक्षिणी कश्मीर का त्राल इलाका जो कि हिजबुल मुजाहिदीन का गढ़ है वहां इस साल सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच कई मुठभेड़ हुई हैं जिससे हिजबुल को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है और उसकी कमर टूट गई है।
ऐसे में पिछले एक महीने में सीमा पार यानि पाकिस्तान ने एक नई चाल चली है। एक ओर जहां हिजबुल और लश्कर के आतंकवादियों से हमारे सुरक्षाबल लोहा ले रहे थे वहीं, दूसरी ओर पाक ओर जैश ने आतंकवादियों को त्राल इलाके में अपना जाल बिछाने में मदद की। शनिवार को जैश के सिर्फ तीन आतंकवादी ही मारे गए। खुफिया जानकारी के मुताबिक सिर्फ त्राल में ही 10 से ज्यादा जैश के आतंकवादी मौजूद हैं जबकि उत्तरी कश्मीर में इनकी तादात और ज्यादा है।

पाकिस्तानी हैं जैश के आतंकी
जैश के कुनबे में ज्यादातर पाकिस्तानी और कुछ ही स्थानीय लोग होते हैं। इतना ही नहीं सीमापार जैश के 50 से ज्यादा आतंकवादी घुसपैठ को तैयार हैं। जैश के इस बढ़े हुए हौसले की वजह भी है। अगर जैश के उस बयान पर नजर डालें जो उसने तीनों आतंकवादियों के मुठभेड़ के बाद दिया था तो उसमें उन्होंने साफतौर पर कहा था कि हम बदला लेकर रहेंगे। पिछले कई महीनों में पहली बार जैश ने सुरक्षाबलों को खुलेतौर पर चुनौती दी थी।

गुफा आई है सामने
गत रविवार को आतंकवादियों की आतंक की गुफा सामने आई थी जिसमें जैश के तीन आतंकवादी छिपे थे, जिन्हें मार गिराया गया। उससे ये जाहिर हुआ कि चारों तरफ घना जंगल, आसपास कोई आबादी नहीं, सिर्फ  खानेपीने का थोड़ा सा सामान और साथ में पाकिस्तान के बने हथियार। इस गुफा में इनसे पहले सिर्फ  जानवर ही रहा करते थे यानि इस मुश्किल भरी जगह रहकर उन्हें कतई अपनी जान की फिक्र नहीं थी और मकसद था तबाही।
इन्हीं तीनों मारे गए आतंकवादियों ने पिछले एक महीने में कई बार सुरक्षाबलों पर हमला किया था। गुफा से मिले सामान ये साबित करते हैं कि जैश पूरी तैयारी से अपने कैडर के लोगों को भारत भेजता है।

डेडली होते हैं जैश के आतंकी
सुरक्षा विशेषज्ञ ने जैश के बारे में कहा कि ये ज्यादा डेड्ली होते हैं और कुछ भी कर सकते हैं। जिस तरीके की रणनीति इन आतंकवादियों ने अपनाई थी मसलन इतनी मुश्किल जगह पर रहना और खुलकर सुरक्षाबलों पर हमला करना वो ये साबित करता है कि अपने मंसूबों को पूरा करने के लिये आतंकवादी किसी भी हद तक जा सकते हैं। जैश का अगर काम करने का तरीका देखें तो इसने अपने बेड़े में कई बार फिदायीन यानि आत्मघाती दस्तों का इस्तेमाल किया है ऐसे में इनकी मौजूदगी से खतरा और बढ़ जाता है।

 

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