Edited By shukdev,Updated: 20 Jun, 2019 08:14 PM
कर्ज के संकट का सामना कर रही जेट एयरवेज के अब आसमान में उड़ने की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है। दरअसल भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में बैंकों के ग्रुप ने जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर बैठक की। इस बैठक में एयरलाइन को फिर खड़ा करने की अपनी ओर से की जा...
नई दिल्लीः कर्ज के संकट का सामना कर रही जेट एयरवेज के अब आसमान में उड़ने की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है। दरअसल भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में बैंकों के ग्रुप ने जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर बैठक की। इस बैठक में एयरलाइन को फिर खड़ा करने की अपनी ओर से की जा रही कोशिश छोड़ दी है।
जेट एयरवेज के खिलाफ बैंकों ने मंगलवार को एनसीएलटी में दिवालिया याचिका दाखिल की थी। NCLT में मामले के जाने की घोषणा के बाद मंगलवार को कंपनी के शेयर 50 फीसदी से ज्यादा टूट गए। NCLT ने जेट एयरवेज के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड की धारा 7 के तहत एसबीआई की दिवाला एप्लीकेशन को स्वीकार कर लिया गया है। न्यायाधिकरण ने रिजॉल्यूशन पेशेवरों को दिवालिया प्रक्रिया को तीन महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई पांच जुलाई को होगी।
दरअसल एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के ग्रुप ने जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर बैठक की थी। इस बैठक में एयरलाइन को फिर खड़ा करने की अपनी ओर से की जा रही कोशिश छोड़ दी थी। बैंकों के समूह ने जेट एयरवेज में फंसे अपने कर्ज के समाधान का मामला दिवाला संहिता के तहत कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण( NCLT) में भेजने का फैसला किया था। बैकों को अब तक के प्रयास में जेट एयरवेज के पुनरोद्धार के लिए किसी इकाई से कोई पुख्ता प्रस्ताव नहीं मिला है। एतिहाद-हिंदुजा गठजोड़ ने हालांकि एयरलाइन में रुचि दिखाई लेकिन उसकी ओर से कोई पुख्ता प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ। इसी वजह से बैंकों की सोमवार को हुई बैठक में एयरलाइन के मामले को एनसीएलटी में भेजने का फैसला किया गया था।