Edited By Anil dev,Updated: 07 Jan, 2020 12:19 PM
जेएनयू हिंसा मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन की शिकायत पर वसंतकुंज नॉर्थ थाना पुलिस ने सोमवार को दंगा करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा के दौरान गर्ल्स हॉस्टल में हमला करने वालों...
नई दिल्ली: जेएनयू हिंसा मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन की शिकायत पर वसंतकुंज नॉर्थ थाना पुलिस ने सोमवार को दंगा करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा के दौरान गर्ल्स हॉस्टल में हमला करने वालों में एक नकाबपोश चेक शर्ट पहनी हुई लड़की दिख रही है। उसके हाथ में चमकदार स्टील का रॉड है और सामने खड़े अन्य छात्रों को ललकारती हुई दिख रही है। उसका यह वीडियो रविवार रात से ही वायरल होना शुरू हो गया था। छात्रों के दोनों ही गुट उसे दूसरे का बता रहे हैं। इसके कारण सोमवार को जेएनयू में हर कोई उस लड़की के बारे में पूछता नजर आया और हर के जबान पर सवाल था, कौन है यह ?
वीडियो में दिख रही चेक शर्ट पहनी हुई नकाबपोश लड़की
रविवार शाम चार बजे लेफ्ट विंग के छात्रों के आक्रमण के बाद शाम 7.30 बजे एबीवीपी के छात्रों ने भी लेफ्ट विंग पर बदला लेने की नीयत से हमला बोला। इस दौरान दोनों ही ओर से एक दूसरे पर छात्रों ने लाठी डंडों और रॉड से हमले किए। छात्रों ने हॉस्टलों में घुसकर कमरों की पहचान कर एक दूसरे के विरोधी गुट के छात्रों को कमरों में भी हमला किया। दरवाजों और खिड़कियों में लगे शीशे तोड़ दिए। इस दौरान गल्र्स हॉस्टल में भी करीब 50 छात्रों ने हमला किया था, जिसका वीडियो हॉस्टल की अन्य लड़कियों ने बना लिया और उसे वायरल कर दिया। वीडियो में सबसे आगे एक चेक शर्ट पहनी हुई नकाबपोश लड़की दिख रही है।
छात्रों ने बयां की दास्तां, कई गए दोस्तों के घर
जेएनयू में दोनों गुटों में हुई हिंसा के बाद छात्रों के परिजन लगातार उन्हें फोन कर उनकी खैरियत पूछ रहे हैं। कई छात्रों ने इस माहौल के शांत होने तक दिल्ली में ही किसी रिश्तेदार या दोस्त के घर जाना उचित समझा। इसी कारण कई छात्र सोमवार को अपने-अपने बैग लेकर कैंपस से जाते देखे गए। जिस स्थान को वह अपने लिए सबसे सुरक्षित मानते थे वहीं पर उन्हें डर है। विश्वविद्यालय परिसर के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है और वैध आईडी कार्ड वाले छात्रों को ही भीतर जाने दिया जा रहा है। लेकिन फिर भी छात्र डरे हुए हैं। साबरमती हॉस्टल के आदिल ने हमें बताया कि मुझे लाइब्रेरी में रविवार शाम काम था वहां से साबरमती मैं लौट रहा था तभी टी प्वाइंट पर हलचल बढ़ी। पेरियार की ओर से कई लोग हाथों में लाठी, डंडा लेकर साबरमती की ओर आए। उस समय 7 बज रहे थे। हम सबने खुद को कमरों में बंद कर लिया। स्थिति बहुत खराब हो गई थी। पेरियार हॉस्टल के छात्र आकर्ष रंजन ने कहा कि छात्रों को कहा जा रहा है कि इस दौरान वह अपने-अपने कमरों में से बाहर नहीं आएं। श्रेया घोष इस मामले पर कहती हैं कि प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत के बिना यह हमला नहीं हो सकता था। उन्होंने दावा किया कि कुछ नकाबपोश लोगों ने उनका और कुछ अन्य लोगों का पीछा किया, जिसके बाद उन्हें साबरमती हॉस्टल में छिपना पड़ा। एक कश्मीरी विद्यार्थी ने बताया कि भीड़ ने उसका भी पीछा किया और उसे खुद को बचाने के लिए हॉस्टल की पहली मंजिल से छलांग लगानी पड़ी।
हालात सामान्य करने के लिए उठाए जा रहे कदम: जेएनयू प्रॉक्टर
प्रॉक्टर धनंजय सिंह ने छात्रों से परिसर नहीं छोडऩे की अपील की और उन्हें आश्वस्त किया कि हालात सामान्य करने के कदम उठाए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को हुए हमले की पृष्ठभूमि में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सिंह ने कहा कि हम अपील करते हैं कि छात्र घबराएं नहीं और परिसर छोड़कर नहीं जाएं। सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने और परिसर में हालात सामान्य करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।