Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 02:55 PM
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में आज नए नियम के तहत पूजा की गई। आज ज्योतिर्लिंग पर कपड़ा लपेटकर भस्म आरती की गई। इसके अलावा जलाभिषेक के लिए भी आरओ वाटर का इस्तेमाल किया गया। इतना ही नहीं आज बिना शक्कर के ही भस्मारती हुई है, जबकि पहले...
नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में आज नए नियम के तहत पूजा की गई। आज ज्योतिर्लिंग पर कपड़ा लपेटकर भस्म आरती की गई। इसके अलावा जलाभिषेक के लिए भी आरओ वाटर का इस्तेमाल किया गया। इतना ही नहीं आज बिना शक्कर के ही भस्मारती हुई है, जबकि पहले शक्कर, दूध, दही, शहद और जल से अलग-अलग स्नान कराया जाता था। कल सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में जल और पंचामृत चढ़ाने की सीमा तय कर दी है।
शिवलिंग का आकार छोटा (क्षरण) होने से बचाने के लिए मंदिर समिति के 8 सुझावों को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी। कोर्ट ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और याचिकाकर्ता 15 दिन के अंदर इस पर अपने सुझाव या आपत्ति दर्ज करवाने का आदेश दिया हैं। अगली सुनवाई 30 नवंबर को होनी है। आपको बता दें कि महाकाल की पूजा के लिए सुबह पंचामृत से अभिषेक होता है। फिर जलाभिषेक और भस्म आरती। रात तक 4 बार अभिषेक होता है। श्रद्धालु दिनभर में कई बार पंचामृत चढ़ाते हैं। भांग से श्रृंगार होता है।