Edited By Anil dev,Updated: 03 May, 2018 03:35 PM
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने एक मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी कर ली है। मुस्लिम महिलाओं की आजादी को लेकर तीन तलाक के मुद्दे पर जल्द ही अध्यादेश आने वाला है। तीन तलाक को लेकर बिल कई दिनों से संसद में अटका पड़ा था, लेकिन सूत्रों ने...
नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने एक मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी कर ली है। मुस्लिम महिलाओं की आजादी को लेकर तीन तलाक के मुद्दे पर जल्द ही अध्यादेश आने वाला है। तीन तलाक को लेकर बिल कई दिनों से संसद में अटका पड़ा था, लेकिन सूत्रों ने बताया है कि केंद्र सरकार चुनाव से पहले ही इस पर अध्यादेश ला सकती है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं लग पाया है कि यह अध्यादेश कब आएगा।
दोषी को हो सकती है तीन साल तक के कारावास की सजा
बताया जा रहा है कि बुधवार को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस मसले पर विचार होना था, लेकिन किसी कारणवश नहीं आ सका। सूत्रों की माने तो अध्यादेश में वही प्रावधान होंगे जो कि प्रस्तावित कानून और लोकसभा से पास हो चुके विधेयक में हैं। यानी तीन तलाक गैर जमानती अपराध होगा और उसमें दोषी को तीन साल तक के कारावास की सजा हो सकेगी। अपराध गैर जमानती और संज्ञेय होगा। इसके अलावा तीन तलाक पीड़िता मजिस्ट्रेट की अदालत में गुजारा-भत्ता और नाबालिग बच्चों की कस्टडी की मांग कर सकती है।
अध्यादेश लाने का दांव चल सकती है मोदी सरकार
आपको बता दें कि तीन तलाक विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है। यह राज्यसभा में लंबित है। राज्यसभा में इस विधेयक पर समर्थन नहीं मिलने के बाद मोदी सरकार ने अध्यादेश लाने की तैयारी में है। वहीं मोदी सरकार के तीन तलाक के खिलाफ तेवर सख्त हैं और इसे अपनी प्रतिष्ठा का सबब बना लिया है। तीन तलाक को जुर्म घोषित कर इसके लिए सजा मुकर्रर करने संबंधी बिल को कानूनी अमली जामा पहनाने के लिए अगर विपक्षी दलों के रवैये में बदलाव नहीं आता है तो मोदी सरकार अध्यादेश लाने का दांव चल सकती है।