लव-जिहाद को रोकने के लिए कानून लाएगी कर्नाटक सरकार, विधानसभा में पारित हो चुका है कानून

Edited By Yaspal,Updated: 12 May, 2022 08:30 PM

karnataka government will bring a law to stop love jihad

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने धर्मांतरण के विरोध में विवादास्पद कानून को प्रभाव में लाने के वास्ते बृहस्पतिवार को अध्यादेश लाने का फैसला किया। कर्नाटक विधानसभा में पिछले वर्ष दिसंबर में कर्नाटक धर्म स्वतंत्रता अधिकार सुरक्षा विधेयक पारित हो चुका है,लेकिन यह...

नेशनल डेस्कः कर्नाटक मंत्रिमंडल ने धर्मांतरण के विरोध में विवादास्पद कानून को प्रभाव में लाने के वास्ते बृहस्पतिवार को अध्यादेश लाने का फैसला किया। कर्नाटक विधानसभा में पिछले वर्ष दिसंबर में कर्नाटक धर्म स्वतंत्रता अधिकार सुरक्षा विधेयक पारित हो चुका है,लेकिन यह विधेयक अभी विधान परिषद में लंबित हैं,जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी बहुमत में नहीं है। कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री जे सी मधुस्वामी ने कहा, ‘‘ हमने कर्नाटक धर्म स्वतंत्रता अधिकार सुरक्षा विधेयक पारित कर दिया था, लेकिन किन्हीं कारणों से यह विधान परिषद में पारित नहीं हो सका। इसलिए मंत्रिमंडल ने आज अध्यादेश लाने का निर्णय लिया।''

उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, ‘‘ विधानसभा से जो भी पारित किया गया वह अध्यादेश में होगा.....अगले सत्र में उसे परिषद में पेश किया जाएगा और पारित कराया जाएगा। जब सत्र नहीं चल रहा है तब हम (सरकार) अध्यादेश ला सकते हैं और हमने यही मार्ग अपनाया है।'' विधानसभा में विधेयक के पारित होने के दौरान गृह मंत्री अरग ज्ञानेंद्र ने कहा था कि आठ राज्यों ने इस प्रकार का कानून पारित किया है अथवा इस प्रकार का कानून लागू कर रहे हैं और अब कर्नाटक नौवां राज्य बन जाएगा।

विधानसभा से पारित इस विधेयक में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार को सुरक्षा प्रदान की गयी है तथा उसमें गलत तथ्यों, जोर जबर्दस्ती, लालच देकर या धोखाधड़ी से अवैध धर्मांतरण करने पर पाबंदी लगायी गयी है। इसमें नियमों का उल्लंघन करने पर तीन से पांच साल तक की कैद तथा 25000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। वहीं नाबालिग, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों के साथ ऐसा करने पर आरोपी को तीन से दस साल तक कैद हो सकती है एवं 50000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस विधेयक में यह भी प्रावधान है कि जिन लोगों का धर्मांतरण किया गया है, आरोपी उन्हें पांच लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देगा।

सामूहिक रूप से धर्मांतरण कराने पर आरोपी को तीन से 10 साल तक की जेल हो सकती है और उसपर एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि अवैध धर्मांतरण के उद्देश्य से की गयी शादी पारिवारिक अदालत द्वारा अमान्य करार दी जाएगी। इस विधेयक का ईसाई समुदाय के नेताओं सहित बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध किया था। विधेयक में कहा गया है जो अपना धर्म बदलना चाहता है उसे 30 पहले एक निर्धारित प्रपत्र में इसकी सूचना जिलाधिकारी या अतिरिक्त जिलाधिकारी या जिलाधिकारी द्वारा अधिकृत अधिकारी को देनी होगी।

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