कर्नाटक में किंगमेकर बने ‘किंग’, बीजेपी की होगी "अग्नि परीक्षा"

Edited By Yaspal,Updated: 15 May, 2018 07:42 PM

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कर्नाटक चुनाव परिणामों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। लेकिन कांग्रेस-जेडीएस की रणनीति ने भाजपा को सत्ता से दूर कर दिया है।

नेशनल डेस्कः कर्नाटक चुनाव परिणामों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। लेकिन कांग्रेस-जेडीएस की रणनीति ने भाजपा को सत्ता से दूर कर दिया है। कांग्रेस नेताओं द्वारा बनाया गया प्लान ‘B’ काम करता नजर आ रहा है। चुनाव से पहले जेडीएस खुद को राज्य में किंगमेकर मान कर चल रही थी, लेकिन मंगलवार को आए नतीजों ने उसे ‘किंग’ बना दिया। वहीं इन सबके बीच बीजेपी के पास एक आखिरी दांव बचा है, जिसे चलकर बीजेपी “कांग्रेस-जेडीएस” का खेल बिगाड़ सकती है।
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कांग्रेस ने कर्नाटक में 78 सीटों पर जीत दर्ज की है और उसने बीजेपी को रोकने के लिए जेडीएस को समर्थन करने का ऐलान कर दिया है, इतना ही नहीं कांग्रेस ने बीजेपी को रोकने के लिए मुख्यमंत्री पद भी छोड़ दिया है। कर्नाटक में पार्टी का एक ही मकसद है, कैसे भी बीजेपी को सत्ता से दूर रखा जाए।

कांग्रेस का प्लान 'B'
कांग्रेस पार्टी ने गोवा, मणिपुर और मेघालय चुनावों में बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन सरकार नहीं बना पाई क्योंकि इससे पहले बीजेपी ने अपने प्लान ‘B’ पर काम करना शुरू कर दिया था और कांग्रेस बहुमत की आस में सत्ता से दूर हो गई। तीनों राज्यों में बीजेपी ने सहयोगियों की मदद से सरकार बना ली। PunjabKesari

कांग्रेस पार्टी कर्नाटक चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी, इसलिए उसने अपने सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत को मतगणना से एक दिन पहले बेंगलुरू भेज दिया था क्योंकि कांग्रेस इस बार पहले से ही प्लान ‘B’ पर काम कर रही थी और उनकी ये रणनीति काम भी कर गई। जैसे ही बीजेपी बहुमत से दूर हुई तो कांग्रेस ने जेडीएस के साथ चल रही बातचीत को अंतिम रूप दे दिया। कांग्रेस के इस दांव से बीजेपी राज्य में बैकफुट पर आ गई है।

सत्ता की चाबी जेडीएस के पास
वहीं चुनाव से पहले जेडीएस राज्य में अपने दम पर सरकार बनाने का दावा कर रही थी, लेकिन राजनीतिज्ञों का मानना था कि जेडीएस कर्नाटक में किंगमेकर की भूमिका में होगी क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस दोनों को यह पता था कि अगर परिणाम त्रिशंकु हुआ तो जेडीएस के बिना सरकार बनाना संभव नहीं है। इसी के मद्देनजर बीजेपी के नेता चुनाव प्रचार के दौरान जेडीएस पर सीधा हमला करने से बचते रहे। भाजपा ने प्रचार के दौरान यह संकेत भी दिया कि उसे जेडीएस से गठबंधन पर कोई आपत्ति नहीं। लेकिन कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद राज्य में सत्ता की चाबी जेडीएस के हाथों में जाती दिख रही है। बीजेपी और कांग्रेस बड़ी पार्टी होकर भी उसके सामने छोटी नजर आ रही हैं। यहीं नहीं कांग्रेस ने तो जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान भी कर दिया है।PunjabKesari

इन सबके बीच बीएस येदियुरप्पा ने बीजेपी की ओर से राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। लेकिन आंकड़े उनके पक्ष में नहीं हैं। बीजेपी के पास ऐसे में पहला विकल्प है कि विपक्ष में बैठे। वहीं अगर राज्यपाल ने बीजेपी को बहुमत साबित करने का मौका देते हैं तो ऐसे में बीजेपी की कोशिश होगी कि सरकार के खिलाफ विपक्ष में वोट कम पड़े यानी कि फ्लोर पर विपक्षी विधायकों की संख्या कम हो ताकि विधानसभा में आसानी से बहुमत प्राप्त हो सके और अल्पमत की सरकार बन जाए।

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