Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Aug, 2018 04:04 PM
राज्यसभा के उपसभापति के लिए गुरुवार को सुबह 11 बजे चुनाव होना है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बी के हरिप्रसाद ने राज्यसभा के उप सभापति पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दायर किया है। वहीं एनडीए की तरफ से हरिवंश सिंह ने भी विजय गोयल के साथ नामांकन पत्र भरा।
नेशनल डेस्कः राज्यसभा के उपसभापति के लिए गुरुवार को सुबह 11 बजे चुनाव होना है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बी के हरिप्रसाद ने राज्यसभा के उप सभापति पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दायर किया है। वहीं एनडीए की तरफ से हरिवंश सिंह ने भी विजय गोयल के साथ नामांकन पत्र भरा। उल्लेखनीय है कि पी.जे. कुरियन के जुलाई में सेवानिवृत्त होने के बाद से उप सभापति का पद रिक्त है। यूपीए और एनडीए के बीच इस चुनाव को लेकर कड़ी टक्कर है। हालांकि दोनों ही दलों का आकंड़ा जीत से काफी दूर है।
एक नजर उपसभापति की शक्तियों पर
- सभापति के न होने पर उपसभापति राज्यसभा का कार्यभार संभालते हैं।
- अध्यक्ष या उपसभापति सदन की अध्यक्षता करता है, उसका काम नियमों के हिसाब से सदन को चलाना होता है।
- किसी भी बिल को पास कराने के लिए वोटिंग हो रही है तो उसकी देखरेख भी ये ही करते हैं।
- ये किसी भी राजनीतिक पार्टी का पक्ष नहीं ले सकते हैं।
- सदन में हंगामा होने या किसी भी और कारण से सदन को स्थगित करने का हक अध्यक्ष या उपसभापति को ही होता है।
- किसी सदस्य के इस्तीफा को मंज़ूर या नामंज़ूर करने का अधिकार अध्यक्ष का उपसभापति को ही होता है।
- नामंज़ूर करने की स्थिति में वो सदस्य सदन से इस्तीफा नहीं दे सकता है।
सभापति और उप-सभापति अनुपस्थिति में कौन होता है पीठासीन?
राज्यसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन विषयक नियम के नियम 8 के अधीन राज्यसभा के सभापति उपसभाध्यक्ष के पैनल के लिए 6 सदस्यों को नाम निर्देशित करते हैं, जिनमें से एक सदस्य सभापति और उपसभापति दोनों की अनुपस्थिति में सभा की अध्यक्षता करता है। जब सभापति, उपसभापति और उपसभाध्यक्ष में से कोई भी अध्यक्षता करने के लिए उपस्थित नहीं होता है तब सभा किसी अन्य उपस्थित सदस्य के अध्यक्षता करने के बारे में निर्णय कर सकती है।