Edited By vasudha,Updated: 28 Nov, 2018 06:35 PM
पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोडऩे वाले बहुप्रतीक्षित गलियारे के तैयार होने के पीछे का घटनाक्रम...
नेशनल डेस्क: पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोडऩे वाले बहुप्रतीक्षित गलियारे के तैयार होने के पीछे का घटनाक्रम-
- 1522: सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव ने पहला गुरुद्वारा, ‘गुरुद्वारा करतारपुर साहिब’ का निर्माण कराया। माना जाता है कि गुरु नानक देव जी ने यहीं प्राण त्यागे थे।
- फरवरी 1999: करतारपुर साहिब गलियारे का प्रस्ताव तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पेश किया था जब वह शांति पहल के तहत बस से लाहौर गए थे।
- 2002: पाकिस्तान भारत के सिख श्रद्धालुओं को बगैर वीजा (और बिना पासपोर्ट) वहां तक आने देने के लिए सीमा से गुरुद्वारे तक एक पुल बनाने के लिए सहमत हुआ था।
- अगस्त 2018: पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए।
- अगस्त 2018: इस्लामाद से लौटने के बाद सिद्धू ने बताया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बावजा ने उन्हें सूचित किया है कि पाकिस्तान सरकार गुरुनानक देव जी की 550वीं जयंती पर डेरा बाबा नानक (करतारपुर) गलियारा खोलेगी।
- नवम्बर 22: भारतीय कैबिनेट ने डेरा बाबा नानक से पाकिस्तानी सीमा तक करतारपुर गलियारे को मंजूरी दी।
- नवम्बर 26: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पंजाब के गुरदासपुर जिले के मान गांव में एक कार्यक्रम में डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारे (अंतरराष्ट्रीय सीमा तक) की आधारशिला रखी।
- नवम्बर 28: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चार किलोमीटर लंबी करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखी। इसके साल तक पूरा होने की उम्मीद है।
- नवंबर 28: खान ने सिख समुदाय को आश्वासन दिया कि गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए सुविधाएं बेहतर होंगी।