Edited By Hitesh,Updated: 12 May, 2021 06:21 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल के बिस्तर से वर्चुअल सुनवाई में शामिल होने वाले वकील की बुधवार को सराहना की। ऑक्सीजन मास्क लगाये वकील सुभाष चंद्रन ने न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की एकल पीठ के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज...
नेशनल डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल के बिस्तर से वर्चुअल सुनवाई में शामिल होने वाले वकील की बुधवार को सराहना की। ऑक्सीजन मास्क लगाये वकील सुभाष चंद्रन ने न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की एकल पीठ के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज करायी और न्यायालय के आदेश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी जतायी। वह उस मृत हिन्दू व्यक्ति के अंतिम संस्कार से संबंधित मामले की पैरवी के लिए उपस्थित हुए, जिसे सऊदी अरब में मुस्लिम रीति-रिवाज के मुताबिक दफना दिया गया था।
न्यायालय मृतक संजीव कुमार के अंतिम संस्कार के लिए उनके अवशेषों की मांग को लेकर उनकी विधवा की ओर से प्रस्तुत याचिका की सुनवाई कर रही थी। मृतक की पत्नी अंजू शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि पति की मौत की खबर मिलने पर परिवार के लोगों ने अधिकारियों से मृतक के अवशेषों को वापस लाने का अनुरोध किया था। याचिका में कहा गया है कि 23 साल से सऊदी अरब में काम कर रहे संजीव कुमार मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप से पीड़ति थे और गत 24 जनवरी को दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका निधन हो गया। उनके शव को जिजन स्थित बीश जनरल अस्पताल में रखा गया था। इसके बाद 18 फरवरी को याचिकाकर्ता को सूचित किया गया कि उनके पति को शव सऊदी अरब में दफनाया दिया गया है, जबकि परिवार के सदस्य भारत में शव के यहां भेजे जाने की प्रतीक्षा में थे।