सीमाओं पर डर के साये में जी रहे हैं लोग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 04:37 PM

life at loc is under fear

एलओसी और जम्मू में आईबी के निकट रहने वाले लोगों को डर के साये में जीना पउ़ रहा है।

जम्मू: एलओसी और जम्मू में आईबी के निकट रहने वाले लोगों को डर के साये में जीना पउ़ रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार को ईद के एक दिन पहले और एक दिन बाद पाकिस्तान ने पुंछ और राजोरी में सिविल क्षेत्रों को निशाना बनाकर गोलीबारी की। इस वर्ष अगस्त तक पाकिस्तान ने अंतराष्ट्रीय बार्डर पर 221 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है जबकि एलओसी पर पाक ने 285 बार सीजफायर तोड़ा। वहीं वर्ष 2016 में पाकिस्तान ने 228 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। संघर्ष विराम में दस लोग मारे गए जिनमें सैनिक और सिविल नागरिक शामिल हैं।


पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन के चलते पिछले दो महीनों से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार बंद है। चक्कां दा बाग और रावलाकोट के बीच सीबीएम के तौर पर एलओसी पर व्यापार और बस सेवा शुरू की गई थी और वो अभी बंद है। लोगों का कहना है कि एलओसी पर युद्ध के बिना भी वे लोग युद्ध के साये में जी रहे हैं। लोगों का कहना है कि दो देशों की आर्मी के बीच गोलीबारी का दंश झेल रहे हैं। हमारी जिन्दगियां, हमारे जानवर सब गोलीबारी के साये में हैं। हम फसलें बोते हैं पर इस बात की उम्मीद नहीं होती कि उन्हें काट पाएंगे। गोलीबारी हमारे खेतों तक आती है।  मेंढर में गोलीबारी के चलते प्रशासन ने ईद के तीन दिन पहले ही स्कूल बंद कर दिये। जम्मू, सांबा, कठुआ और एलओसी पुंछ राजोरी में रहने वाले सीमांत लोगों का जीवन किसी डरवाने सपने से कम नहीं है। उन्हें हर रोज मौत के साये में काटना पड़ता है।

 

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