Edited By Anil dev,Updated: 01 Jun, 2020 04:11 PM
कोरोना वायरस महामारी के बीच केरल के अलप्पुझा के थन्नीरमुक्कोम की तर्ज पर महाराष्ट्र के पुणे जिले के एक गांव में लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के लिए छाता का इस्तेमाल काने का निर्णय किया है।
पुणे: कोरोना वायरस महामारी के बीच केरल के अलप्पुझा के थन्नीरमुक्कोम की तर्ज पर महाराष्ट्र के पुणे जिले के एक गांव में लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के लिए छाता का इस्तेमाल काने का निर्णय किया है। एक अधिकारी ने बताया कि पुणे-नासिक राजमार्ग पर 50,000 जनसंख्या वाली मांचेर ग्राम पंचायत में छाता को एक दूसरे से दूरी बनाने के औजार के रूप में इस्तेमाल करने का परिणाम यह है कि यहां अबतक कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
गांव के सरपंच दत्ता गंजाले ने कहा, लॉकडाउन के नियमों में क्रमिक ढंग से छूट देने और मुम्बई से बड़ी संख्या में लोगों के इन भागों में यात्रा करने से संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया। इसलिए यह सुनिश्चित करना अहम हो गया कि गांव इस महामारी से मुक्त रहे। चूंकि एक दूसरे से दूरी बनाने में छाता के इस्तेमाल का केरल मॉडल कारगर था, इसलिए हमने भी यहां इसे अपनाया।'' उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल, हैशटैग, छाते वाली सेल्फी आदि से लोगों को प्रोत्साहन मिला और इस विचार को सफल बनाने में यह उपाय कारगर रहा है। अंबेगांव तहसील के प्रखंड विकास अधिकारी जलींदर पठारे ने कहा कि छाता का विचार अबतक कारगर रहा है। उन्होंने कहा, च्च्अधिकाधिक लोगों को इस अवधारणा को अपनाना चाहिए और आने वाले दिनों में यह नया चलन बन जाएगा।