लोकसभा चुनाव 2024 : बंगाल मे बीजेपी और टीमसी में टिकट को लेकर नाराजगी, कई नेताओं ने जताया असंतोष

Edited By Rahul Singh,Updated: 24 Mar, 2024 05:10 PM

lok sabha elections 2024 dissatisfaction between bjp and tmc in west bengal

लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों में ही असंतोष है।

नेशनल डेस्क : लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों में ही असंतोष है। दोनों खेमों के कई नेता चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन को लेकर नाखुशी जता चुके हैं। चुनाव लड़ने के इच्छुक टीएमसी के कई नेताओं ने उन सीट से टिकट नहीं दिए जाने पर खुलकर नाखुशी व्यक्त की है, जिन पर उनकी नजर थी। भाजपा में भी उम्मीदवार चयन करने को लेकर कुछ प्रभावशाली नेताओं में इसी तरह का असंतोष देखा गया है। राज्यसभा सदस्य मौसम बेनजीर नूर और टीएमसी प्रवक्ता शांतनु सेन सहित पार्टी के कम से कम पांच वरिष्ठ नेताओं ने टिकट नहीं देने पर असंतोष व्यक्त किया है।
PunjabKesariममता बनर्जी के छोटे भाई ने जताई नाराजगी    
नूर और सेन क्रमशः मालदा उत्तर और दमदम सीट से टिकट मांग रहे थे। यहां तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के छोटे भाई बाबुन बनर्जी ने भी हावड़ा सीट से टिकट नहीं देने पर नाराजगी जताई थी, जहां टीएमसी ने मौजूदा सांसद प्रसून बनर्जी को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने भाई के साथ रिश्ते तोड़ लिए हैं। बैरकपुर से भाजपा के मौजूदा सांसद अर्जुन सिंह दो साल पहले टीएमसी में चले गए थे और टिकट नहीं मिलने के बाद भाजपा में लौट आए। इसी तरह, टीएमसी के चार बार के विधायक और कोलकाता उत्तर से टिकट के दावेदार तापस रॉय इसी सीट से पांच बार के पार्टी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को दोबारा मैदान में उतारने पर नाराज़गी के कारण भाजपा में शामिल हो गए।

भाजपा ने राज्य की 42 सीट में से अब तक 19 सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है। उसे तब असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब केंद्रीय मंत्री और अलीपुरद्वार के सांसद जॉन बारला और राज्यसभा सदस्य अनंत महाराज ने उत्तर बंगाल की कुछ सीट पर उम्मीदवारों के चयन पर असंतोष जताया। बारला का अनुसूचित जनजाति और महाराज का राजबंशी समुदाय पर खासा प्रभाव माना जाता है। अलीपुरद्वार से भाजपा ने बारला की जगह विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा को टिकट दिया है जबकि भाजपा ने कूच बिहार में केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक को फिर से उतारा। ग्रेटर कूच बिहार राज्य आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले महाराज ने उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया था।

राजनीति में नए चेहरे को टिकट दिया गया
टीएमसी और भाजपा चुनाव प्रचार के बीच असंतोष पर ज़्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं। टीएमसी के प्रवक्ता शुखेंद्रु शेखर रे ने कहा, “आप जिसे असंतोष कह रहे हैं वह वास्तव में निराशा है, जो स्वाभाविक है। यह तब होती है कि जब आप किसी चीज़ की अपेक्षा कर रहे हैं और वह नहीं मिलती है। लेकिन अर्जुन सिंह को छोड़कर बाकी सभी लोग अब भी टीएमसी में हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।'' साल 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले बर्धमान पूर्व से दो बार के सांसद सुनील मंडल भाजपा में चले गए थे लेकिन पार्टी की हार के बाद टीएमसी में लौट आए थे। उन्हें भी टिकट नहीं दिया गया है और सीट से राजनीति में नए चेहरे को टिकट दिया गया है।
PunjabKesari

टीएमसी उम्मीदवारों की सूची में 26 नए चेहरे
टीएमसी ने अपने मौजूदा 23 सांसदों में से 16 को फिर से मैदान में उतारा है जबकि सात मौजूदा सांसदों का टिकट काटा है। टीएमसी उम्मीदवारों की सूची में 26 नए चेहरे शामिल हैं और 11 उम्मीदवार अनुभवी हैं। 2019 के चुनावों में 18 सीटों पर हारने वाले एक भी उम्मीदवार को इस बार टिकट नहीं दिया गया है। शेखर रे ने कहा, “क्या हम अर्जुन सिंह और सुनील मंडल को दोबारा उम्मीदवार बनाते ताकि वे हमारे टिकट पर जीतने के बाद फिर से हमें धोखा दें? उन्हें उम्मीदवार न बनाना पार्टी का एक सचेत निर्णय था।” कांग्रेस के गढ़ बहरामपुर सीट से पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारने के बाद टीएमसी के अंदर बहस छिड़ गई, और पार्टी के भरतपुर विधायक हुमायूं कबीर ने एक "बाहरी व्यक्ति" को टिकट देने की आलोचना की और निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने का संकेत दिया। हालांकि, टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद, कबीर ने अपना रुख बदल दिया और पार्टी उम्मीदवार की जीत के लिए काम करने का फैसला किया।

दूसरी ओर, राज्य में 35 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य तय करने वाली भाजपा भी महाराज और बारला को मनाने की कोशिश कर रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, "पार्टी उनसे बात कर चुकी है और मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। अगर आपकी उम्मीदें पूरी नहीं हुईं तो नाराजगी व्यक्त करना काफी स्वाभाविक है। पार्टी एकजुट है।" पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से एक जून तक सात चरणों में होंगे। नतीजे चार जून को घोषित किए जाएंगे। 

 

 

 

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!