Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Sep, 2021 11:42 AM
कोरोना वायरस शरीर में सबसे पहले लंग्स यानि की हमारे फेफड़े को प्रभावित करती है। जिससे मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती हैं। इसी के चलते पिछले साल लाखों लोगों ने अपनी जान गंवा दी हैं। वहीं अब एक नई रिसर्च में दावा किया जा रहा है कि कोरोना सक्रंमण के...
कोरोना वायरस शरीर में सबसे पहले लंग्स यानि की हमारे फेफड़े को प्रभावित करती है। जिससे मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती हैं। इसी के चलते पिछले साल लाखों लोगों ने अपनी जान गंवा दी हैं। वहीं अब एक नई रिसर्च में दावा किया जा रहा है कि कोरोना सक्रंमण के कारण युवा वयस्कों में फेफड़ें खराब होने की आशंका बहुत कम है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के संक्रमण से युवाओं के फेफड़े प्रभावित नहीं होते ब्लकि पहले जैसे ही काम करते हैं। इस रिसर्च पेपर को हाल ही में वर्चुअल यूरोपियन रेस्पीरेटरी सोसाइटी इंटरनेशनल कांग्रेस में पेश किया गया है। इस पेपर के मुताबिक अगर युवा अवस्था में कोरोना का संक्रमण हुआ है तो फेफड़ों के काम करने की क्षमता पर असर नहीं होगा।
संक्रमण के बाद भी फेफड़े पहले की तरह ही काम कर रहे हैं
स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता डॉ. इडा मोगेंसेन ने बताया कि जो लोग अस्थमा के भी शिकार थे, उन्हें भी कोरोना संक्रमण के बाद लंग फंक्शन पर किसी तरह का असर नहीं हुआ, हालांकि सांस लेने में उन्हें तकलीफ जरूर हुई लेकिन फेफड़े पहले की तरह ही काम कर रहे हैं।
जिन बच्चों को कोरोना का गंभीर संक्रमण हुआ था, उनके फेफड़े प्रभावित हुए
वहीं एक दूसरी स्टडी के अनुसार, जिन बच्चों और किशोरों को कोरोना संक्रमण हुआ था, उनके फेफड़ों के काम करने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ा है। उनके फेफड़ें जिस तरह पहले काम कर रहे ते वैसे ही कोरोना संक्रमण के बाद भी काम करते हैं। हालांकि जिन बच्चों और किशोरों को कोरोना का गंभीर संक्रमण हुआ था, उनके फेफड़े जरूर प्रभावित हुए हैं।