Edited By Yaspal,Updated: 11 Mar, 2024 06:47 PM
देश में नागरिकता कानून (CAA) लागू हो गया है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को सीएए को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया। सीएए की अधिसूचना जारी होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि पहले मुझे नियमों को देखने दीजिए।
नेशनल डेस्कः देश में नागरिकता कानून (CAA) लागू हो गया है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को सीएए को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया। सीएए की अधिसूचना जारी होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि पहले मुझे नियमों को देखने दीजिए। अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है। अगर लोगों को नियमों के तहत उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है, तो हम इसके खिलाफ लड़ेंगे।" ये बीजेपी का चुनाव के लिए प्रचार है, ये और कुछ नहीं। बता दें कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में सीएए और एनआरसी लागू करने के विरोध में हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि आपको छह महीने पहले नियम अधिसूचित कर देने चाहिए थे। अगर कोई अच्छी चीजें होती हैं, तो हम हमेशा समर्थन और सराहना करते हैं लेकिन अगर कुछ भी किया जाता है जो देश के लिए अच्छा नहीं है, तो टीएमसी हमेशा अपनी आवाज उठाएगी और उसका विरोध करेगी। मुझे पता है कि रमज़ान से पहले आज की तारीख़ क्यों चुनी गई। मैं लोगों से शांत रहने और किसी भी अफवाह से बचने की अपील करती हूं।”
वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीक़े से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफ़ेद झूठ की एक और झलक है।
रमेश ने कहा कि नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है। ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में। यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख़्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।
अब सीएए के नियम जारी हो गए हैं तो मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों - हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों - को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी। सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई।
गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। एक अधिकारी ने बताया कि आवेदकों को घोषित करना होगा कि वे किस वर्ष बिना यात्रा दस्तावेजों के भारत में आए थे। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। कानून के अनुसार सीएए के तहत तीनों पड़ोसी देशों के बिना दस्तावेज वाले अल्पसंख्यकों को लाभ मिलेगा।