Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Jan, 2022 01:21 PM
मणिपुर चुनाव से पहले उग्रवादी गुटों को वोट डालने की मंजूरी मिल गई है। चुनाव आयोग ने इसकी मंजूरी दी है। शुक्रवार रात मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 के खंड (C)...
नेशनल डेस्क: मणिपुर चुनाव से पहले उग्रवादी गुटों को वोट डालने की मंजूरी मिल गई है। चुनाव आयोग ने इसकी मंजूरी दी है। शुक्रवार रात मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 के खंड (C) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और केंद्र सरकार के परामर्श से निर्णय लिया गया है।
उग्रवादी गुटों को शिविर में ही मतदान करने दिया जाएगा
हालांकि, यह सुविधा सरकार के साथ सशस्त्र अभियान रोकने और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले ऐसे उग्रवादी गुटों के लिए है जो मणिपुर के 14 निर्धारित शिविरों में रह रहे हैं । चुनाव आयोग ने कहा है कि चूंकि वे अपने निर्धारित कैंपों से बाहर नहीं जा सकते हैं, इसलिए उन्हें उनके शिविर में ही पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान करने दिया जाए।
मणिपुर में है 20 से ज्यादा उग्रवादी गुट
बता दें कि, मणिपुर में 20 से ज्यादा उग्रवादी गुट हैं। कुकी उग्रवादी गुट दो बड़े समूहों यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट (UPF) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के रूप में सक्रिय हैं। इन दोनों ने साल 2008 में सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन पर हस्ताक्षर किया है, जो कि राज्य और केंद्र सरकार के साथ एक संघर्ष विराम समझौता है। इसी तरह, कुछ अन्य अंडरग्राउंड ग्रुपों ने भी सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। 60 सीटों वाले मणिपुर विधानसभा में 27 फरवरी और 3 मार्च को दो चरणों में मतदान होंगे. पहले चरण में 38 और दूसरे चरण में 22 सीटों पर मतदान होंगे।