Edited By Yaspal,Updated: 25 May, 2019 08:27 PM
मेघालय उच्च न्यायालय ने अपने पूर्व न्यायधीश एस आर सेन के उस विवादित निर्णय को दर किनार कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि विभाजन के बाद भारत को ''हिन्दू राष्ट्र'' घोषित कर दिया जाना चाहिये था...
शिलांगः मेघालय उच्च न्यायालय ने अपने पूर्व न्यायधीश एस आर सेन के उस विवादित निर्णय को दर किनार कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि विभाजन के बाद भारत को 'हिन्दू राष्ट्र' घोषित कर दिया जाना चाहिये था।
मुख्य न्यायधीश मोहम्मद याकूब मीर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पाया कि आदेश "कानूनी रूप से त्रुटिपूर्ण" और संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है। पिछले साल दिसंबर में न्यायमूर्ति सेन की एकल पीठ ने अपने फैसले में माना था कि यदि धर्म के आधार पर भारत का विभाजन हुआ है तो इसे हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिये।"
मुख्य न्यायधीश मोहम्मद याकूब मीर की पीठ ने कहा कि प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से संविधान की प्रस्तावना को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी व्यवस्था को बरकरार नहीं रखा जा सकता। इसने कहा कि एकल पीठ के निर्देशों ने "देश की धर्मनिरपेक्ष भावना और भारतीय संविधान के प्रावधानों" को ठेस पहुंचायी है।