Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Sep, 2017 11:32 AM
भाजपा के वयोवृद्ध नेता एल.के. अडवानी की पीड़ा और दुख खत्म होने का नाम नहीं ले रही। यह उन लोगों के लिए परेशानी का सबब है जो असहाय होकर इसे देख रहे हैं।
नेशनल डैस्कः भाजपा के वयोवृद्ध नेता एल.के. अडवानी की पीड़ा और दुख खत्म होने का नाम नहीं ले रही। यह उन लोगों के लिए परेशानी का सबब है जो असहाय होकर इसे देख रहे हैं। वीरवार को जब अडवानी पी.एस.यू. पर संसदीय समिति की बैठक में शामिल होने के लिए संसद भवन में आए तो समिति के चेयरमैन शांता कुमार सहित हर व्यक्ति हैरान हो गया। वे यह नहीं जान पाए कि गांधीनगर के लोकसभा सांसद कैसे दिल्ली में बैठक में शामिल हो सकते हैं जब बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए वहां शिलान्यांस किया जा रहा हो।
कुल मिलाकर वह वहां के सांसद हैं और प्रोटोकोल के अनुसार विधायक और लोकसभा सांसद को कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है। मगर ऐसा दिखाई देता है कि मोदी ने इन सभी प्रोटोकोलों को ठेंगा दिखाया और अडवानी को इस समारोह में आमंत्रित नहीं किया। जब एक सदस्य ने अडवानी से पूछा कि वह यहां कैसे तो वयोवृद्ध ने उस व्यक्ति की ओर देखा मगर एक भी शब्द नहीं कहा। जांच-पड़ताल करने पर पता चला कि अडवानी को फंक्शन में आमंत्रित सैंकड़ों लोगों के बीच आमंत्रित नहीं किया गया। कहा जाता है कि मोदी भाजपा नेता अडवानी से इतने अधिक नाराज हैं कि वह उनसे अधिक से अधिक दूरी बनाए रखना चाहते हैं।