‘मोदी की सुरक्षा चूक आतंकवादी साजिश', सुप्रीम कोर्ट 10 जनवरी को करेगा सुनवाई

Edited By Yaspal,Updated: 07 Jan, 2022 08:22 PM

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केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के पंजाब दौरे में सामने आयी सुरक्षा चूक ‘बेहद गंभीर'' मामला है तथा इसके पीछे सीमा पार से आतंकवादी साजिश की संभावना है। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना और...

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के पंजाब दौरे में सामने आयी सुरक्षा चूक ‘बेहद गंभीर' मामला है तथा इसके पीछे सीमा पार से आतंकवादी साजिश की संभावना है। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना और न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ के समक्ष एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन की कथित वीडियो का हवाला देते हुए यह आशंका व्यक्त की।

मेहता ने प्रधानमंत्री की ‘सुरक्षा चूक' के मामले में एनजीओ ‘लॉयर्स वॉयस' द्वारा शीर्ष अदालत में दायर एक जनहित याचिका का समर्थन करते हुए कहा कि एक वीडियो प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस' की ओर से अपलोड की गई है। इन घटनाक्रमों से लगता है कि इसके पीछे सीमा पार आतंकवाद की कोई भूमिका हो सकती है, जिसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पांच जनवरी को प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान के घटनाक्रमों से लगता है कि उस दिन उनके साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती थी, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए शर्मनाक होता। उन्होंने दलील देते हुए कहा कि एक अन्य वीडियो में साफ तौर पर प्रदर्शन स्थल पर स्थानीय पुलिस की मौजूदगी लगती है लेकिन राज्य सरकार के आला अधिकारियों ने इस बारे में प्रधानमंत्री के सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों को जानकारी नहीं दी थी। इससे लगता है कि पंजाब सरकार सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार है।

याचिकाकर्ता ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए इसके लिए जिम्मेवारी तय करने तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कारर्वाई करने की गुहार शीर्ष अदालत से लगाई है। याचिकाकर्ता ने पंजाब सरकार, मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले दिनों पंजाब दौरे से संबंधित सभी रिकॉर्ड सुरक्षित और संरक्षित करने का शुक्रवार को निर्देश दिया।

पीठ ने मोदी की पिछले दिनों पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में कथित चूक मामले में केंद्र और पंजाब द्वारा गठित दो अलग-अलग कमेटियों को याचिका पर अगली सुनवाई सोमवार तक के लिए जांच नहीं करने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने पंजाब और केंद्र सरकार की संबंधित जांच एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों से कहा है वे प्रधानमंत्री की यात्रा से संबंधित रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल का आवश्यक सहयोग करें। सुनवाई के दौरान पंजाब के महाधिवक्ता डी. एस. पटवालिया ने कहा कि राज्य इस मामले की जांच के लिए किसी भी व्यक्ति को नियुक्त किया जा सकता है। अगर चूक की बात है तो इसकी जांच की जरूरत है।

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