Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Jul, 2021 01:11 PM
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में हंगामे के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मंत्रिपरिषद में शामिल नए मंत्रियों का सदन में औपचारिक रूप से परिचय नहीं करा पाए और उन्हें मंत्रियों के परिचय के दस्तावेज सदन के पटल पर रखने पड़े। सदन में 11...
नेशनल डेस्क: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में हंगामे के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मंत्रिपरिषद में शामिल नए मंत्रियों का सदन में औपचारिक रूप से परिचय नहीं करा पाए और उन्हें मंत्रियों के परिचय के दस्तावेज सदन के पटल पर रखने पड़े। सदन में 11 कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले राष्ट्रगान हुआ और फिर नए नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई गई। इसके पश्चात अध्यक्ष ओम बिरला ने नए मंत्रियों का सदन से परिचय कराने के लिए प्रधानमंत्री को पुकारा। लेकिन विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर हो रहे शोर-शराबे के बीच अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से आग्रह किया कि सदन की गरिमा एवं परंपरा उच्च रही है। इसे ना तोड़े, परंपरा की गरिमा कम नहीं करें। संसदीय कार्य मंत्री ने प्रल्हाद जोशी ने भी कहा कि प्रधानमंत्री नए मंत्रियों का परिचय कराना चाहते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि हमारी कई महिला सांसद मंत्री बनीं हैं। आज मुझे खुशी होती कि दलित भाई, आदिवासी मंत्री बने हैं। सबको खुशी होनी चाहिए कि हमारे बीच जो किसान हैं, ग्रामीण हैं, आर्थिक रूप से पिछड़े हैं, अन्य पिछड़े वर्ग के हैं, उन्हें मंत्रिपरिषद में मौका मिला है। शायद यह बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है कि दलित महिला किसान मंत्री बनें। प्रधानमंत्री ने कहा कि नवनियुक्त मंत्रियों को लोकसभा में परिचित समझा जाए। बिरला ने विपक्षी सदस्यों के व्यवहार पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह बिल्कुल अनुचित हैं। नए मंत्रियों की सूची को सदन के पटल पर रख सकते हैं। हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की।