Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 05:30 PM
जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार ने आतंकियों के लिए एक बार फिर ‘तुष्टिकरण की नीति’ अपनाई है।
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार ने आतंकियों के लिए एक बार फिर ‘तुष्टिकरण की नीति’ अपनाई है। महबूबा सरकार ने सरेंडर करने वाले आतंकवादियों को 6 लाख रुपए का इनाम देने का फैसला किया है। आतंकियों को सम्मानित करने वाले महबूबा सरकार के इस फैसले की रिपोर्ट सामने आई है। खास बात यह है कि राज्य सरकार में सहयोगी भाजपा की आपत्तियों के बावजूद महबूबा सरकार ने यह कदम उठाया है।
महबूबा सरकार ने अपने फैसले में कहा है कि वह राज्य में आतंकवाद का रास्ता छोडक़र मुख्य धारा में लौटने वाले आतंकवादियों को मुआवजा देकर सम्मानित करेगी। महबूबा सरकार ने कहा है कि ऐसे आतंकवादियों को वह 6 लाख रुपए इनाम के रूप में देगी। इसके अलावा आतंकवादी यदि हथियारों और गोला-बारूद के साथ आत्मसमर्पण करते हैं तो सरकार उन्हें और राशि उपलब्ध कराएगी। यही नहीं, राज्य सरकार ने सरेंडर करने वाले आतंकवादियों को प्रत्येक तीन महीने के बाद स्टाइपेंड देने का भी फैसला किया है।
आतंकी हमले में मरने वालों को मिलते हैं 5 लाख
बता दें कि आतंकवादी घटनाओं और सीमा पार से होने वाली गोलीबारी में जान गंवाने वाले निर्दोष नागरिकों के परिजनों को मुआवजे के रूप में महबूबा सरकार पांच लाख रुपए देती है। वहीं, आतंकी घटनाओं के लिए जिम्मेदार और निर्दोष लोगों को मारने वाले आतंकियों को 6 लाख रुपए का इनाम देने की पहल महबूबा सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करती है। राज्य में ऐसे लाखों युवा हैं जिन्हें सरकार कोई स्टाइपेंड नहीं देती।
वोट बैंक मजबूत करने में जुटी सरकार
महबूबा सरकार अपने वोट बैंक के मद्देनजर समय-समय पर अपने तुष्टिकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाती रहती हैं। कुछ दिनों पहले महबूबा ने पार्टी लाइन से हटकर बयान देने पर अपने वित्त मंत्री हसीब द्राबू को हटा दिया। द्राबू ने कहा था कि कश्मीर एक ‘सामाजिक मुद्दा’ है, न कि ‘राजनीतिक समस्या’। एक समारोह में द्राबू ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक हिंसाग्रस्त राज्य और राजनीतिक मुद्दे के रूप नहीं देखें, यह एक ऐसा समाज हैए जिसमें अभी सामाजिक मुद्दे हैं। हम अपना स्थान ढूंढऩे की कोशिश कर रहे हैं और हम एक प्रक्रिया के माध्यम से जा रहे हंै, जैसे कई अन्य देश भी जा रहे हैं।