Edited By Hitesh,Updated: 09 May, 2021 04:51 PM
जम्मू-कश्मीर में कोरोना के बढ़ते मामलों और मौतों के बीच दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले से कश्मीरियत का एक और दिल को छूने वाला वाकया सामने आया है जहां मुसलमानों ने एक कश्मीरी पंडित के अंतिम संस्कार कराने में मदद की। रिपोट के मुताबिक पुलवामा के तहाब...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में कोरोना के बढ़ते मामलों और मौतों के बीच दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले से कश्मीरियत का एक और दिल को छूने वाला वाकया सामने आया है जहां मुसलमानों ने एक कश्मीरी पंडित के अंतिम संस्कार कराने में मदद की। रिपोट के मुताबिक पुलवामा के तहाब गांव के निवासी कश्मीरी पंडित 70 वर्षीय चमन लाल की शनिवार को जैसे ही मौत की खबर फैली वैसे ही बड़ी संख्या में मुसलमान शोक व्यक्त करने उनके घर पहुंच गए। बीएसएनएल के पूर्व कर्मचारी चमन लाल के परिवार के सदस्य और रिश्तेदार काफी कम संख्या में थे पड़ोसी मुसलमानों ने उनके अंतिम संस्कार में भाग लेने का फैसला किया।
मुसलमानों ने हिंदू रीति रिवाज के तहत चमन लाल की अंत्येष्टि का सारा इंतजाम किया। उनका परिवार उन कश्मीरी पंडितों में शामिल था जिन्होंने वर्ष 1990 के दशक में विस्थापित होने के बजाय घाटी में ही रहना उचित समझा। यह पहली बार नहीं हुआ जब घाटी के मुसलमानों ने कश्मीरी पंडितों की विभिन्न प्रकार से मदद कर मानवता की अनूठी मिसाल पेश की है।