गोवा में आठ महीनें से मंदी की मार झेल रहे हैं शराब के कारोबारी

Edited By Anil dev,Updated: 09 Aug, 2022 06:21 PM

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भरपूर पर्यटन सीजन होने के बावजूद गोवा के शराब कारोबारी मंदी की मार झेल रहे हैं। मंहगी शाराब होने के कारण उनके पर्यटक ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट आई है।

नेशनल डेस्क: भरपूर पर्यटन सीजन होने के बावजूद गोवा के शराब कारोबारी मंदी की मार झेल रहे हैं। मंहगी शाराब होने के कारण उनके पर्यटक ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। गोवा के पड़ोसी राज्यों दिल्ली और महाराष्ट्र में शराब की कीमतें काफी कम हैं, जिसके चलते अब पहले की तरह राज्य की शराब की दुकानों से पर्यटक शराब नहीं खरीदते हैं। आलम यह है कि गोवा आने वाले पर्यटक शराब के ऊंचे दाम को लेकर शराब की दुकानों का मजाक उड़ाते हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली के मुकाबले गोवा में शराब दो गुना महंगी है।

गोवा लिकर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दत्ता प्रसाद नाइक ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि कि राज्य में शराब उद्योग पिछले आठ महीनों से घाटे में चल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ महीनों से हमने उत्तर से ग्राहकों को खो दिया है। यह हमारे लिए एक बड़ा झटका है। पर्यटक हमसे पहले की तरह शराब नहीं खरीद रहे हैं। नाइक ने कहा कि कुछ लोग यह कहकर हमारा मजाक उड़ा रहे हैं कि गोवा में शराब की कीमतें दिल्ली की तुलना में दोगुनी हैं। हाल के दिनों में तटीय राज्य की तुलना में दिल्ली में शराब की कीमत में कमी आई है, जिसका मुख्य कारण विभिन्न ब्रांडों के लिए पंजीकरण शुल्क में कमी है। साथ ही दिल्ली में शराब पर ड्यूटी गोवा के मुकाबले कम है।

नाइक के अनुसार एसोसिएशन ने गोवा सरकार से उत्पाद शुल्क स्लैब को सुव्यवस्थित करने का अनुरोध किया है। नाइक ने यह भी कहा कि गोवा में शुल्क स्लैब उचित नहीं हैं और यह भी कि लेबल पंजीकरण शुल्क को सुव्यवस्थित किया जाना चाहिए। नाइक ने कहा कि हमारे व्यापार करने में आसानी होनी चाहिए। आयात परमिट प्राप्त करने में लगभग 15 दिन लगते हैं। वे आयात परमिट जारी करने में देरी करते हैं, जो नहीं होना चाहिए। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विधायक विजय सरदेसाई ने हाल ही में संपन्न विधानसभा सत्र में शराब की कीमतों का मुद्दा उठाया था और कहा था कि राज्य में शराब की दरें अन्य स्थानों, खासकर दिल्ली की तुलना में अधिक हैं।

उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी है कि लोग अपने ही राज्यों से गोवा में शराब ला रहे हैं, खासकर वे लोग जो शादी के कार्यक्रमों के लिए तटीय राज्य का दौरा कर रहे हैं। सरदेसाई ने कहा था कि गोवा शादियों के लिए में जाना जाता है, लेकिन लोग अब दूसरे राज्यों से शराब लाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को उत्पाद शुल्क संग्रह पर गर्व हो सकता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि शराब की बिक्री कम हो गई है। चूंकि दिल्ली और महाराष्ट्र में कीमतें कम हो गई हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 में लगभग 71,27,000 घरेलू पर्यटक गोवा आए, जिनमें से 9,31,000 विदेशी पर्यटक थे। लेकिन यह संख्या 2020 और 2021 में गिर गई क्योंकि कोविड महामारी ने तटीय राज्य को प्रभावित किया, लेकिन अब स्थानीय पर्यटन उद्योग को उम्मीद है कि आने वाले पर्यटन सीजन में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

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