Edited By Anil dev,Updated: 19 Jan, 2022 02:15 PM
उच्चतम न्यायालय बुधवार को जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 61ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली जनहित सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने को लेकर सहमत हो गया है। जन प्रतिनिधित्व कानून के इस प्रावधान के तहत ही देश में चुनाव में मतपत्र की...
नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय बुधवार को जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 61ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली जनहित सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने को लेकर सहमत हो गया है। जन प्रतिनिधित्व कानून के इस प्रावधान के तहत ही देश में चुनाव में मतपत्र की बजाय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मतदान की शुरुआत हुई थी।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता एमएल शर्मा की दलीलें सुनीं और कहा कि वह उनके मामले को सूचीबद्ध करने पर विचार करेंगे। शर्मा ने ही यह याचिका व्यक्तिगत रूप से दायर की है। शर्मा ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 61ए, जो ईवीएम के इस्तेमाल की अनुमति देती है, को संसद ने पारित नहीं किया था। इसलिए इस प्रावधान को लागू नहीं किया जा सकता है।