Edited By Anil dev,Updated: 28 Jan, 2022 12:18 PM
देश में महिला मतदाताओं की संख्या में पिछले तीन वर्षों में 5.1 फीसदी की तेज वृद्धि देखी गई है, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में 43.8 करोड़ से अब 46.1 करोड़ हो गई है
नई दिल्ली: देश में महिला मतदाताओं की संख्या में पिछले तीन वर्षों में 5.1 फीसदी की तेज वृद्धि देखी गई है, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में 43.8 करोड़ से अब 46.1 करोड़ हो गई है, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या में 3.6 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसी अवधि के दौरान मतदाता 47.3 करोड़ से 49 करोड़ हुए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने अपने एक संबोधन में कहा है कि आज की स्थिति में देश में कुल मतदाताओं की संख्या 95.1 करोड़ है। लोकसभा के 2019 के आम चुनाव के समय 91.2 करोड़ पात्र मतदाताओं की तुलना में यह लगभग 4.3 फीसदी की वृद्धि में तब्दील हुआ है।
पांच राज्य के चुनाव में 25 लाख नए मतदाता
चंद्रा ने कहा कि अब तक 95.1 करोड़ मतदाताओं में 49 करोड़ पुरुष और 46.1 करोड़ महिलाएं, 80 वर्ष से अधिक आयु के 1.9 करोड़ वरिष्ठ नागरिक, 81.4 लाख विकलांग और 19.2 लाख सेवा से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने के योग्य 18 से 19 वर्ष की आयु के 1.5 करोड़ मतदाताओं की तुलना में अब तक नए पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 1.4 करोड़ है। सीईसी ने आगे कहा कि यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर राज्यों में मौजूदा विधानसभा चुनावों में लगभग 25 लाख नए मतदाता मतदान के पात्र हैं। आयोग उन महिला मतदाताओं के नामांकन को बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है जो अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पर्याप्त उम्र की हैं लेकिन अभी तक रोल में पंजीकृत नहीं हैं।