वायुसेना ने अदालत में कहा- प्रधानमंत्री की उड़ानों का विवरण नहीं दे सकते

Edited By Anil dev,Updated: 09 Dec, 2020 02:07 PM

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भारतीय वायुसेना ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर केंद्रीय सूचना अयोग (सीआईसी) के उस निर्देश को चुनौती दी है जिसमें स्पेशल फ्लाइट रिटन्र्स (एसआरएफ)-द्वितीय से संबंधित जानकारियों की मांग की गई थी।

नेशनल डेस्क: भारतीय वायुसेना ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर केंद्रीय सूचना अयोग (सीआईसी) के उस निर्देश को चुनौती दी है जिसमें स्पेशल फ्लाइट रिटन्र्स (एसआरएफ)-द्वितीय से संबंधित जानकारियों की मांग की गई थी। 

वायुसेना ने बुधवार को याचिका में कहा कि यह विवरण प्रधानमंत्री के सुरक्षा तंत्र से संबंधित है इसलिए इसे उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। वायुसेना ने याचिका में दावा किया है कि च्च्मांगी गई जानकारी पूरे सुरक्षा घेरे से संबंधित है। इसमें विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) कर्मियों के नाम भी पूछे गए हैं जो भारत के प्रधानमंत्री के विदेश दौरों पर उनकी निजी सुरक्षा के लिए उनके साथ जाते हैं। यदि इस विवरण का खुलासा किया जाता है तो इससे भारत की संप्रभुता एवं अखंडता प्रभावित हो सकती है तथा सुरक्षा, रणनीति, वैज्ञानिक एवं आर्थिक हितों को खतरा पहुंच सकता है।

सीआईसी ने आठ जुलाई को निर्देश जारी किया था जिसमें वायुसेना से कहा गया था कि वह आरटीआई आवेदक कोमोडोर (सेवानिवृत्त) लोकेश के. बत्रा को स्पेशल फ्लाइट रिटन्र्स-द्वितीय की उपलब्ध एवं प्रासंगिक प्रतियां मुहैया करवाएं। इसके खिलाफ वायुसेना ने याचिका दाखिल की। बत्रा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अप्रैल 2013 के बाद के सभी विदेश दौरों से संबंधित एसआरएफ-प्रथम और एसआरएफ-द्वितीय प्रमाणित प्रतियों की मांग की है। इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है। 

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