Edited By Parminder Kaur,Updated: 24 Mar, 2024 01:32 PM
समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों से उत्पन्न खतरे से क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए भारतीय नौसेना की कार्रवाई की पुष्टि करते हुए नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना अपने काम के बारे में बहुत स्पष्ट है और सुरक्षा सुनिश्चित...
इंटरनेशनल डेस्क. समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों से उत्पन्न खतरे से क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए भारतीय नौसेना की कार्रवाई की पुष्टि करते हुए नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना अपने काम के बारे में बहुत स्पष्ट है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सकारात्मक कार्रवाई करेगी। यह हिंद महासागर है, जिसका नाम हमारे नाम पर रखा गया है और अगर हम कार्रवाई नहीं करेंगे, तो कौन करेगा?
यह बयान अदन की खाड़ी, अरब सागर और लाल सागर में ड्रोन रोधी, मिसाइल रोधी और समुद्री डकैती रोधी हमलों के लिए भारतीय नौसेना के अभियानों के 100 दिन पूरे होने पर आया है। नौसेना प्रमुख ने अरब सागर में एक बड़े जोखिम वाले ऑपरेशन में बचाए गए एमवी रुएन जैसे व्यापारिक जहाजों को 'मदर वेसल्स' के रूप में इस्तेमाल किए जाने पर भी बात की और कहा कि भारतीय नौसेना अब दक्षिणी समूह पर कड़ी नजर रख रही है, जो हो सकता है। 35-60 समुद्री डाकू और अपहृत एमवी अब्दुल्ला जहाज को मदर शिप के रूप में इस्तेमाल किए जाने का संदेह है।
उन्होंने कहा- हमें हमेशा संदेह रहा है कि वहां मातृ जहाज हैं और हम सोच रहे थे कि वे ढो होंगे। लेकिन हमें आश्चर्य हुआ कि एमवी रुएन को तीन महीने पहले सोमाली जल में अपहरण के बाद मातृ जहाज के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। हमें संदेह है कि ऐसा हो सकता है एक दक्षिणी समूह हो, जिसमें 35-60 समुद्री डाकू हो सकते हैं। हम एमवी अब्दुल्ला पर कड़ी नजर रख रहे हैं, जिसे अपहृत कर लिया गया है और इसका इस्तेमाल मदर शिप के रूप में किया जा सकता है। इससे पहले शनिवार को भारतीय नौसेना द्वारा पकड़े गए 35 सोमाली समुद्री लुटेरों को सीमा शुल्क और आव्रजन की औपचारिकताओं के बाद मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया था।
एक सवाल के जवाब में एडमिरल कुमार ने कहा कि भारत एक महान शक्ति बनने की राह पर है। महान शक्ति बनने के साथ-साथ बड़ी जिम्मेदारी आती है। भारतीय नौसेना समुद्री क्षेत्र में हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा, संरक्षण, प्रचार और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। नौसेना का ऑपरेशन कब तक जारी रहेगा, जब तक हिंद महासागर सुरक्षित नहीं हो जाता।