आपातकाल के अलावा, किसी भी सरकार ने प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध नहीं लगाया, राजनाथ का कांग्रेस पर निशाना

Edited By rajesh kumar,Updated: 07 Mar, 2024 06:39 PM

no government imposed restrictions freedom press rajnath singh

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि आपातकाल के ‘‘काले अध्याय' को छोड़ दें तो भारत के लोकतंत्र के इतिहास में प्रेस की स्वतंत्रता पर ‘‘कभी कोई प्रतिबंध देखने को नहीं मिलेगा।'

नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि आपातकाल के ‘‘काले अध्याय'' को छोड़ दें तो भारत के लोकतंत्र के इतिहास में प्रेस की स्वतंत्रता पर ‘‘कभी कोई प्रतिबंध देखने को नहीं मिलेगा।'' रक्षा मंत्री ने यहां एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि जिन मुद्दों पर ‘‘सामाजिक सहमति'' है, सरकार के विचार मीडिया और लेखकों और विचारकों की राय में प्रतिबिंबित हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे ‘‘सरकार की कठपुतली'' हैं।

लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया
सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यह सरकार और लोगों के बीच ‘‘एक कड़ी के रूप में काम करता है'' और वे दोनों एक-दूसरे से जुड़ते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के बाद से कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका तीनों ने नियमित रूप से प्रेस की स्वतंत्रता पर जोर दिया है और मीडिया की स्वतंत्रता को बनाए रखा है।'' सिंह ने कहा कि इसका परिणाम यह है कि भारत में एक ‘‘जीवंत मीडिया संस्कृति'' है।

मैं खुद आपातकाल के दौरान जेल में रहा
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने बिना किसी राजनीतिक दल या नेता का नाम लिए 1970 के दशक में लगाए गए आपातकाल के दौर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘इस देश के लोकतंत्र के इतिहास में अगर हम आपातकाल के काले अध्याय को अलग रख दें तो प्रेस की स्वतंत्रता पर कभी कोई प्रतिबंध देखने को नहीं मिलेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेख प्रकाशित होने से पहले पढ़े जाते थे, सुर्खियां एक पार्टी के मुख्यालय से निर्धारित की जाती थीं। सरकार का विरोध करने पर पत्रकारों को जेल भी भेजा जाता था। मैं खुद आपातकाल के दौरान जेल में रहा हूं। कई पत्रकारों को जेल भेजा गया और उन्हें परेशान किया गया।''

सभी आरोप निराधार हैं
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम (आपातकाल के) उस काले दौर को छोड़ दें, तो चाहे हमारी सरकार हो या किसी अन्य पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारें, सभी ने प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखा है।'' रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने यह बयान इसलिए दिया क्योंकि पिछले कुछ समय से यह आरोप लग रहे हैं कि मीडिया का एक वर्ग आज ‘‘निष्पक्ष नहीं'' है और ‘‘सरकार का पक्ष ले रहा है'' तथा ‘‘सरकार की भाषा'' बोल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ये सभी आरोप निराधार हैं। फिर भी, मैं कहना चाहूंगा कि सरकार और मीडिया संस्थान समाज के हिस्से हैं।'' सिंह ने कहा कि जिन मुद्दों पर सामाजिक सहमति होती है, उन पर सरकार के विचार मीडिया में प्रतिबिंबित होते हैं। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!