कठिन विकास कार्य को हाथ नहीं लगाना कांग्रेस की 'पुरानी आदत' है: नरेन्द्र मोदी

Edited By Updated: 22 Sep, 2025 04:09 PM

not taking up difficult development work is an  old habit  of congress

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को आरोप लगाया कि विकास का जो भी काम मुश्किल होता है कांग्रेस उस काम को कभी हाथ नहीं लगाती और यह उसकी पुरानी आदत है हालांकि कांग्रेस की इस आदत से पूर्वोत्तर को बहुत नुकसान पहुंचा है। ईटानगर के इंदिरा गांधी पार्क...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को आरोप लगाया कि विकास का जो भी काम मुश्किल होता है कांग्रेस उस काम को कभी हाथ नहीं लगाती और यह उसकी पुरानी आदत है हालांकि कांग्रेस की इस आदत से पूर्वोत्तर को बहुत नुकसान पहुंचा है। ईटानगर के इंदिरा गांधी पार्क में 5,100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का अनावरण करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने जीएसटी सुधारों की सराहना की और कहा कि नवरात्रि के पहले दिन से कम दरें लागू होने से लोगों को इस त्योहारी सीजन में ‘‘दोहरी सौगात'' मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जानते थे कि पूर्वोत्तर का विकास दिल्ली से नहीं किया जा सकता, इसलिए उन्होंने मंत्रियों और अधिकारियों को इस क्षेत्र में अधिक बार भेजा और वह स्वयं यहां 70 से अधिक बार आए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ कांग्रेस की एक पुरानी आदत है कि विकास का जो भी काम मुश्किल होता है, उस काम को वह कभी हाथ ही नहीं लगाती। कांग्रेस की इस आदत से पूर्वोत्तर को बहुत नुकसान हुआ।'' उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की पूर्व सरकारें जो सीमा से सटे गांव थे, उन्हें ‘लास्ट विलेज' कहकर पल्ला झाड़ लेती थीं और यही कारण है कि सीमावर्ती क्षेत्रों से लोगों का पलायन होता गया। मोदी ने कहा कि जिन क्षेत्रों को कभी सड़क निर्माण के लिए असंभव माना जाता था, वहां अब आधुनिक राजमार्ग हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ सेला सुरंग जो कभी अकल्पनीय थी अब अरुणाचल की गौरवशाली पहचान बन गई है। होलोंगी हवाई अड्डे पर एक नया टर्मिनल है और दिल्ली के लिए सीधी उड़ानें हैं। इससे छात्रों और पर्यटकों के लिए यात्रा आसान हुई है और किसानों को अपनी उपज बड़े बाजारों तक भेजने में भी मदद मिली है।'' उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश की इसलिए भी उपेक्षा की क्योंकि केवल दो लोकसभा सीटें हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ जब मुझे 2014 में देश की सेवा करने का अवसर मिला तो मैंने देश को कांग्रेस की मानसिकता से मुक्त करने का संकल्प लिया था। हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत किसी राज्य में वोटों या सीटों की संख्या नहीं, बल्कि 'राष्ट्र प्रथम' है। हमारा एकमात्र मंत्र है ‘नागरिक देवो भव'।''

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन परियोजनाओं का उन्होंने अनावरण किया, वे ‘डबल इंजन' सरकार के ‘दोहरे लाभ' का उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ अरुणाचल आगे बढ़ रहा है। आज घोषित नई बिजली परियोजनाएं राज्य को एक प्रमुख बिजली उत्पादक राज्य बनाएंगी, हज़ारों रोज़गार पैदा करेंगी और सस्ती बिजली उपलब्ध कराएंगी। चाहे शिक्षा में सुगमता हो, व्यापार में सुगमता हो, यात्रा में सुगमता हो या इलाज में सुगमता हो, हमारी डबल इंजन सरकार हर नागरिक के जीवन को आसान बनाने के लिए काम कर रही है।''

प्रधानमंत्री ने शि योमी ज़िले में यारजेप नदी पर दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं और तवांग में एक कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला रखी। कुल 186 मेगावाट क्षमता वाली तातो-I परियोजना का विकास अरुणाचल प्रदेश सरकार और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नीपको) द्वारा संयुक्त रूप से 1,750 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इससे सालाना लगभग 802 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होने की उम्मीद है। कुल 240 मेगावाट की हेओ परियोजना भी राज्य सरकार और नीपको द्वारा 1,939 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जाएगी। इससे हर साल 100 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा है। तवांग में जिस कन्वेंशन सेंटर की उन्होंने आधारशिला रखी, उसका निर्माण पीएम-देवाइन योजना के तहत 145.37 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इसकी क्षमता 1,500 से ज़्यादा लोगों के बैठने की होगी। मोदी ने कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य सेवा और अग्नि सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए 1,290 करोड़ रुपये से ज़्यादा की कई अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की भी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर अब दिल्ली सरकार के लिए दूर नहीं है और पिछले दशक में केंद्रीय मंत्रियों ने इस क्षेत्र का 800 से अधिक बार दौरा किया है, तथा अक्सर दूरदराज के इलाकों में रातें भी बिताई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री के तौर पर मैं 70 से अधिक बार पूर्वोत्तर आ चुका हूं। पिछले सप्ताह ही मैं मिजोरम, मणिपुर और असम गया था। पूर्वोत्तर अब दूर नहीं है, न सड़क मार्ग से और न ही दिल से। दिल्ली अब आपसे दूर नहीं है। हम दिल्ली को आपके दरवाजे तक ले आए हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का पहला सूर्योदय देखने वाले इस राज्य को अब दशकों की उपेक्षा के बाद ‘‘विकास की पहली किरण'' भी मिल रही है। राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को वीरता और एकता का प्रतीक बताते हुए मोदी ने कहा, ‘‘अरुणाचल की यह भूमि उगते सूर्य की धरती के साथ देशभक्ति के उफान की भी धरती है। जैसे तिरंगे का पहला रंग केसरिया है, वैसे ही अरुणाचल का पहला रंग भी केसरिया है। यहां का हर व्यक्ति शौर्य और शांति का प्रतीक है।''

मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सभी सरकारों ने सीमावर्ती गांवों की उपेक्षा की, जिसके कारण इन क्षेत्रों से लोगों का पलायन हुआ। उन्होंने कहा कि ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' के ज़रिए अरुणाचल के 450 से ज़्यादा सीमावर्ती गांवों में अब सड़कें, बिजली, इंटरनेट और पर्यटन सुविधाए उपलब्ध हैं और ये गांव पर्यटन के नए केंद्र बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि उड़ान योजना के तहत राज्य के दूरदराज के इलाकों में हेलीपोर्ट विकसित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि नवरात्र के पहले दिन जीएसटी सुधारों की शुरुआत के साथ, इस त्योहारी सीज़न में लोगों को "दोहरी सौगात'' मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘आज, देश भर में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू हो गए हैं और जीएसटी 'बचत उत्सव' शुरू हो गया है। त्योहारों के मौसम में लोगों को दोहरा लाभ मिला है।'' उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधारों से रसोई का बजट कम होगा और महिलाओं को मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार हर चीज़ महंगी होने के बावजूद कर बढ़ाती रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोगों पर भारी करों का बोझ डाला लेकिन हमारी सरकार ने धीरे-धीरे करों को कम करके उन्हें राहत दी है।' 

 

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