Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Sep, 2022 04:18 PM
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार को सेवानिवृत्त होने से पहले यह स्पष्ट कर दिया है कि वह न किसी राजनीतिक दल में शामिल होंगे और न ही चुनाव लड़ेंगे।
नेशनल डेस्क: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार को सेवानिवृत्त होने से पहले यह स्पष्ट कर दिया है कि वह न किसी राजनीतिक दल में शामिल होंगे और न ही चुनाव लड़ेंगे। सेवानिवृत्त होने से पहले मलिक ने कहा, ‘‘हम किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होने जा रहे हैं, और और न ही कोई चुनाव लड़ेंगे।''
मेघालय के राज्यपाल के रूप में शुक्रवार (30 सितंबर) को मलिक का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इससे पहले यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि मलिक राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो सकते हैं, लेकिन बातचीत में उन्होंने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया कि वह किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे।
मलिक ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, ''मीडिया में हमारे राष्ट्रीय लोकदल में शामिल होने की जो संभावनाएं जताई जा रही हैं, उसमें बिल्कुल दम नही हैं। हम रिटायर होने के बाद राष्ट्रीय लोकदल तो क्या किसी भी पार्टी में शामिल नही होने जा रहे हैं।'' मलिक ने यह भी साफ किया है कि वह कोई चुनाव भी नही लड़ेंगे। आज सेवानिवृत्त होने के बाद भविष्य में अब आप क्या करेंगे, इस सवाल के जवाब में मलिक ने कहा, ''मैं सिर्फ किसानों की लड़ाई लड़ूंगा, किसानों की लड़ाई जहां होगी, वहां पर जाऊंगा। किसानों को संगठित करुंगा और किसी पार्टी में नही जाऊंगा, कोई चुनाव भी नही लडूंगा।''
बता दें कि मेघालय के राज्यपाल रहते मलिक ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलित किसानों का समर्थन करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने राज्यपाल रहते किसानों का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। उन्होंने जम्मू कश्मीर का राज्यपाल रहते हुए कथित भ्रष्टाचार का मामला उठाया था। मलिक 30 सितंबर 2017 को बिहार के राज्यपाल के नियुक्त हुए थे। इसके बाद अगस्त 2018 में जम्मू-कश्मीर और फिर 2020 में मेघालय में राज्यपाल पद पर भेजा गया। सत्यपाल मलिक 24 जुलाई 1946 को बागपत जिले में पैदा हुए और भारतीय क्रांति दल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, जनता दल, लोक दल और समाजवादी पार्टी आदि राजनीतिक दलों से जुड़ने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे। मलिक 1989 में अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए और इसके पहले 1980 से 1989 तक राज्यसभा के भी सदस्य रहे थे ।