'अब कुछ देश एजेंडा नहीं चला सकते, ग्लोबल साउथ की आवाज सुननी पड़ेगी', UNGA में बोले एस जयशंकर

Edited By Yaspal,Updated: 26 Sep, 2023 09:24 PM

now some countries cannot run the agenda s jaishankar said in unga

हाल में संपन्न जी20 सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने की भारत की पहल का उदाहरण देते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र से सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने के लिए ‘प्रेरणा लेने का आह्वान किया

नेशनल डेस्कः हाल में संपन्न G20 सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने की भारत की पहल का उदाहरण देते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र से सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने के लिए ‘प्रेरणा लेने का आह्वान किया।' इस माह के प्रारंभ में नयी दिल्ली में G20 सम्मेलन में उभरती और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के इस संगठन ने आम सहमति से नई दिल्ली घोषणापत्र अपनाया तथा अफ्रीकी संघ को उसमें स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि G20 में अफ्रीकी संघ को शामिल किया जाना एक ‘अहम कदम' है। उन्होंने कहा, ‘‘यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारत की पहल पर अफ्रीकी संघ को G20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया। ऐसा कर हमने समूचे महाद्वीप को आवाज दी जिससे उसे लंबे समय से वंचित रखा गया था।''

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, ‘‘सुधार के इस महत्वपूर्ण कदम से उससे भी अधिक पुराने संगठन संयुक्त राष्ट्र को सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए। प्रभाव एवं विश्वसनीयता दोनों के लिए व्यापक प्रतिनिधित्व एक पूर्वशर्त है।'' उन्होंने कहा, ‘‘जिस रूप में संयुक्त राष्ट्र अपने आप को पेश करता है, उसके लिए साझा आधार खोजना जरूरी है। दूसरों को सुनना एवं उनके दृष्टिकोण को सम्मान देना कोई कमजोरी नहीं होती है, यह तो सहयोग का मूलभूत तत्व है। केवल तभी वैश्विक मुद्दों पर सामूहिक प्रयास सफल हो सकते हैं।''

जयशंकर ने कहा कि कैसे अपनी चर्चाओं में देश अक्सर ‘नियम आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने की वकालत करते हैं और समय समय पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति सम्मान की भी बात उठाई जाती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इन सभी चर्चाओं के लिए, अब भी कुछ देश हैं जो एजेंडा तय करते हैं और नियमों को परिभाषित करते हैं। लेकिन यह अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता और ऐसा भी नहीं है कि उसे चुनौती नहीं दी जा सकती।''

जयशंकर ने कहा, ‘‘एक बार हम सभी अपना दिमाग इस पर लगायें तो निश्चित ही निष्पक्ष, समान एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था उभरकर सामने आयेगी।'' दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए सालों से प्रयासरत है। उसका कहना है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य का पूरी तरह हकदार है क्योंकि यह परिषद वर्तमान रुप में 21वीं सदी की भौगोलिक-राजनीतिक हकीकत का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।

विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में सामान्य बहस के दौरान अपने संबोधन की शुरुआत ‘भारत की ओर से नमस्ते' (नमस्ते फ्रॉम भारत) कहते हुए की। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल के मंच से एक उच्चस्तरीय सत्र को संबोधित किया। उन्होंने अपने 17 मिनट से अधिक समय के संबोधन की शुरुआत हाथ जोड़कर ‘भारत की ओर से नमस्ते' कहते हुए की। उन्होंने भाषण के अंत में कहा, ‘‘मैं उस समाज के लिए बोल रहा हूं जहां लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं ने गहरी आधुनिक जड़ें जमा ली हैं। परिणाम स्वरूप हमारी सोच, प्रयास और कार्य अब अधिक जमीनी और प्रामाणिक हैं।''

 

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